नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने रविवार को देश में ऑक्सीजन आपूर्ति को बढ़ाने के लिए समीक्षा बैठक की।
इसमें नाइट्रोजन प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट में बदलने और गैसीय ऑक्सीजन के उपयोग संबंधी विषयों पर विचार व जानकारी साझा की गई।
प्रधानमंत्री ने अपने प्रधान सचिव, कैबिनेट सचिव, गृह सचिव, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग सचिव और अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के साथ इस संबंध में विचार किया।
इस दौरान बताया गया कि 14 ऐसे उद्योगों में नाइट्रोजन प्लांट को ऑक्सीजन प्लांट में बदलने का काम जारी है।
इसके अलावा अन्य 37 की भी पहचान की गई है।
इन नाइट्रोजन प्लांट को इस तरह से बदला जाएगा कि इन्हें नजदीकी अस्पताल में शिफ्ट किया जा सके और अगर यह संभव ना हो तो वहीं ऑक्सीजन का उत्पादन कर उसे अस्पतालों तक पहुंचाया जाएगा।
दूसरी ओर गैस के रूप में प्रयोग आने वाली ऑक्सीजन को भी उपयोग में लाने पर विचार किया गया।
ऐसी रणनीति बनाई जा रही है कि मानकों वाले गैस ऑक्सीजन उत्पादन प्लांटों के नजदीक कोविड केयर सेंटर बनाए जाएं। संभावना है कि इससे 10,000 ऑक्सीजन वाले बेड तैयार किए जा सकते हैं।
राज्य सरकारों की भी इस संबंध में मदद ली जाएगी।
साथ ही प्रधानमंत्री ने पीएसए प्लांट तैयार किए जाने को लेकर भी समीक्षा की। उन्हें बताया गया कि ऐसे 1500 प्लांट तैयार किए जा रहे हैं।