नई दिल्ली: भारत सोमवार से टीकाकरण अभियान के अगले चरण में प्रवेश कर चुका है। इस बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने देश की कोविड -19 लड़ाई पर हिंदुस्तान टाइम्स से बात की।
हर्षवर्धन ने बताया कि सरकार की तरफ से यह सुनिश्चित किया गया है कि कोरोना के टीके की कीमतें उन लोगों के लिए भी नाममात्र की रहें, जो प्राइवेट हेल्थ केयर फेसिलिटी में इसे लेना चाहते थे।
प्राइवेट हेल्थ केयर फेसिलिटी ने कोविड -19 टीकाकरण की लागत को इस स्तर तक कम कर दिया है। और परिणाम देखें – हम सफलतापूर्वक 250 रुपये प्रति खुराक की उचित दर पर टीके लगा रहे हैं।
हालांकि यह निजी अस्पतालों पर छोड़ दिया है कि वे और कम राशि में टीके लगा सकते हैं, लेकिन यह 250 रुपये से अधिक नहीं हो सकता। निश्चित ही आने वाले दिनों में टीकाकरण की गति बढ़ेगी।
आपको यह समझना चाहिए कि भारत सरकार ने इस देश के लगभग प्रत्येक नागरिक को टीका लगाने का निर्णय लिया है। यह एक लंबा काम है लेकिन हमने इस निर्णय को लेने और इसे लागू करने का साहस किया है, और हमारे पास ऐसा करने के लिए आवश्यक साधन भी हैं।
सरकारी अस्पतालों में, टीकाकरण सेवाएं मुफ्त प्रदान की जा रही हैं, लेकिन यदि लाभार्थियों के एक निश्चित वर्ग को सरकारी सिस्टम में टीकाकरण से दिक्कत है तो उनको एक निजी स्वास्थ्य सुविधा को चुनना चाहिए।
चूंकि यह प्राइवेट है, तो पेयेवल सर्विस है, और हमारा उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि टीकाकरण की कीमत सभी के लिए सस्ती रहे। यह राशि नाममात्र की होनी चाहिए।
पिछला एक साल वास्तव में कठिन रहा है, लेकिन हमारे वैज्ञानिक और चिकित्सा बिरादरी इस अवसर पर सक्रिय हुए और यह सुनिश्चित किया है कि हम इस महामारी में बहुत लोगों को न खो दें।
लगभग 1.4% के साथ भारत की मृत्यु दर वैश्विक औसत से कम रह गई है।
देश के कोरोना योद्धाओं ने महामारी के प्रबंधन में एक सराहनीय काम किया है, और सबसे अच्छी बात यह है कि इन योद्धाओं के परिवारों ने उन्हें अपने पेशेवर कर्तव्य को पूरा करने से नहीं रोका, बल्कि अपने खुद के जीवन को जोखिम में डाला।
भारत की वैक्सीन जर्नी भी सफल और प्रेरणादायक है। मैंने पहले भी यह कहा है कि साल 2020 विज्ञान का साल है।