नई दिल्ली: कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को कहा कि पंजाब के पार्टी सांसदों ने नए केंद्रीय कृषि कानूनों को निरस्त करने के लिए संसद में प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने का फैसला किया है।
आनंदपुर साहिब से सांसद तिवारी ने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में कृषि कानूनों पर बात की, लेकिन कोई भी किसान उन पर विश्वास करने को तैयार नहीं है।
हमारे पास कोई विकल्प नहीं है, इसलिए हमने इस रास्ते को अपनाने का फैसला किया।
कांग्रेस सांसद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से मिलेंगे और उनसे अनुरोध करेंगे कि वे लोकसभा सचिवालय को सौंपे गए विधेयकों पर चर्चा की अनुमति दें।
कांग्रेस नेता ने कहा कि वे इस मुद्दे पर राज्यसभा के सभापति से भी मुलाकात करेंगे।
एक अन्य कांग्रेस सांसद परनीत कौर, जो पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह की पत्नी हैं, ने कहा कि वे इन कानूनों को निरस्त करने की अपनी मांग के साथ खड़ी हैं।
पंजाब के सांसदों ने संसद के अन्य सदस्यों से अपील की कि वे कृषि कानूनों पर ऐसे विधेयकों की शुरुआत करें।
कांग्रेस सांसद जसबीर सिंह गिल ने कहा, जिन सांसदों ने कृषि के तौर पर अपना पेशा बताया है, उन्हें प्राइवेट मेंबर्स बिल लाने चाहिए।
कांग्रेस सांसद रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा, लोकसभा में 203 और राज्यसभा में 64 सांसद हैं, जिन्होंने कृषि को अपना पेशा दिखाया है।
इसलिए, हम उनसे पक्षपातपूर्ण राजनीति से बाहर निकलकर इन प्राइवेट मेंबर्स बिल में मदद करने की अपील करते हैं।
तिवारी ने कहा कि संसदीय इतिहास में इस तरह के 14 विधेयकों को कानूनों में बदला गया है।
मोदी ने सोमवार को किसानों से अपील की थी कि वे इस मुद्दे पर आंदोलन खत्म करके इसका हल निकालने के लिए केंद्र के साथ फिर से बातचीत शुरू करें।
बता दें कि मंत्री द्वारा लाए गए विधेयक (बिल) को सरकारी बिल कहा जाता है, जिसका समर्थन सरकार करती है। वहीं प्राइवेट मेंबर बिल उन सांसदों द्वारा पेश किया जाता है, जो मंत्री नहीं होते।
दरअसल, इसका मुख्य उद्देश्य सरकार का ध्यान उन मुद्दों की तरफ दिलाना होता है, जो महत्वपूर्ण होते हैं और जिन पर कानूनी हस्तक्षेप की जरूरत होती है।