नई दिल्ली: आंदोलनकारी किसान संघों ने 3 कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहे विरोध प्रदर्शन में शनिवार को भारत को टोल-फ्री देश बनाने के लिए देशभर के अपने कैडरों के बीच एक संदेश भेजा है।
यह संदेश एक दिन पहले ही भेज दिया गया था और इसकी घोषणा गुरुवार और शुक्रवार को दिल्ली-चंडीगढ़ राजमार्ग पर सिंघू सीमा पर आयोजित किसानों की बैठक में की गई थी।
कुछ प्रतिनिधियों के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी किसानों की एक विशेष शाखा अपना निर्धारित विरोध प्रदर्शन शुरू करने के लिए दिल्ली-गुड़गांव टोल प्लाजा की ओर बढ़ गई है।
भारतीय किसान यूनियन (पंजाब) के महासचिव हरिंदर सिंह लाखोवाल ने आईएएनएस को बताया कि वे शनिवार को पूरे देश को इस विरोध प्रदर्शन का हिस्सा बनाना चाहते हैं।
उन्होंने कहा, हम दिल्ली-गुड़गांव टोल प्लाजा से शुरू करेंगे और इसी तरह के कदम हमारे समर्थक पूरे देश में उठाएंगे।
लाखोवाल ने यह भी कहा कि उन्होंने दिल्ली-जयपुर राजमार्ग को भी बंद करने की योजना बनाई है।
किसानों ने पहले से ही कुंडली, टिकरी, पलवल और गाजीपुर सीमाओं को बंद कर दिया है।
यह सीमाएं दिल्ली को हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तर प्रदेश से जोड़ती हैं।
किसान नेता ने कहा कि 14 दिसंबर को किसान सभी जिला मुख्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।
भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष (हरियाणा) गुरनाम सिंह ने आईएएनएस को बताया कि शनिवार के लिए किसानों का एजेंडा एक दिन के लिए भारत को टोल मुक्त बनाना है।
उन्होंने कहा, हमने आज (शनिवार) के लिए टोल नाकों द्वारा लिए जाने वाले शुल्क को रोकने का फैसला किया है।
बता दें कि मुख्य रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के हजारों किसान सितंबर में पारित हुए तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने की मांग को लेकर 20 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।
5 दौर की वार्ताओं के बाद भी किसानों और सरकार के बीच अभी भी मामला सुलझ नहीं पाया है।