नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर कर पश्चिम बंगाल में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को स्वतंत्र व निष्पक्ष तरीके से कराने के लिए विपक्षी नेताओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है।
समाचार रिपोर्टों का हवाला देते हुए, याचिका में कहा गया है कि केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने राज्य की अपनी हालिया यात्रा में कहा कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सत्ता में आने के बाद पश्चिम बंगाल में 300 से अधिक भाजपा सदस्य मारे गए हैं और जांच को लेकर कोई सक्रियता नहीं दिखाई गई है।
अधिवक्ताओं विनीत ढांडा और पुनीत कौर ढांडा द्वारा दायर जनहित याचिका में कहा गया है कि पश्चिम बंगाल में मौलिक अधिकारों, वैधानिक अधिकारों और मानवाधिकारों का लगातार हनन चरम पर पहुंच गया है और सरकार और और इसका पुलिस तंत्र इस तरह के हनन में शामिल हैं। याचिका में भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं की हत्या के संबंध में स्टेटस रिपोर्ट भी मांगी गई है।
याचिका में कहा गया है, स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव लोकतंत्र का सार है और पश्चिम बंगाल राज्य में अराजकता का वर्तमान परिदृश्य लोकतंत्र के सार के लिए खतरा है और पश्चिम बंगाल में अराजकता और राजनीतिक हत्याओं को नियंत्रित करने के लिए यह सही समय है।
याचिका में दलील दी गई है कि राज्य में कानून और व्यवस्था चरमरा गया है।
याचिका में सत्तारूढ़ दल और इसके सहयोगियों से संबंधित उपद्रवियों द्वारा राज्य की यात्रा के दौरान भाजपा प्रमुख जे.पी. नड्डा के काफिले पर हाल में हुए हमले का हवाला दिया गया।
इसमें कहा गया, यह लोकतंत्र में एक गंभीर मुद्दा है जिसमें एक विशेष समुदाय यानी हिंदुओं को वोट देने की अनुमति नहीं है और फर्जी मतदाताओं द्वारा वोट दिया जाता है।
पश्चिम बंगाल राज्य में फर्जी मतदान की समस्या को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा जल्द से जल्द हल करने की आवश्यकता है।
याचिका में जोर दिया गया है कि पश्चिम बंगाल में विपक्षी नेताओं की हत्याओं की विस्तृत रिपोर्ट की मांग करना समय की जरूरत है और राज्य में विपक्षी नेताओं की हत्याओं की सीबीआई द्वारा जांच की जानी चाहिए।