खूंटी: तीन साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म के मामले में खूंटी जिले की पोक्सो अदालत ने दोषसिद्ध अभियुक्त अल्लाउद्दीन अंसारी को 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई है।
इसके साथ ही दोषी पर 25 हजार रुपये का आर्थिक दंड भी लगाया है।
कोर्ट ने कहा कि जुर्माने की राशि नहीं देने पर अभियुक्त को एक वर्ष अतिरिक्त जेल की सजा भुगतनी पड़ेगी। जुर्माना जमा करने पर उक्त राशि पीड़िता को बतौर मुआवजा सौंप दी जायेगी।
मामले की पूरी सुनावाई के दौरान पीड़िता समेत कुल दस लोगों की गवाही हुई। पीड़िता की तरफ से लोक अभियोजक पीके मंडल और बचाव पक्ष की ओर से अधिवक्ता मदन राम ने अपना-अपना पक्ष रखा।
दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने छह फरवरी को अभियुक्त को(प्रोटेक्शन ऑफ चिल्ड्रेन फ्रॉम सेक्सुअल ऑफेंस यानी पोक्सो एक्ट की धारा चार व छह में दोषी पाया। इस मामले में बुधवार को कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया।
मासूम के साथ दुष्कर्म का मामला 29 जून 2019 का है। जिले के खूंटी थाना क्षेत्र के एक घर में गिरिडीह के झरखी थानातंर्गत बिरनी गांव के रहने वाले 35 वर्षीय अल्लाउद्दीन अंसारी राजमिस्त्री का काम कर रहा था।
इसी दौरान अल्लाउद्दीन ने घर की तीन वर्षीय मासूम बच्चीके साथ दुष्कर्म किया था। इस मामले को लेकर पीड़िता की मां ने खूंटी महिला थाने में मामला दर्ज कराया था।
महिला थाना प्रभारी मीरा सिंह ने मामले का अनुसंधान कर 20 अगस्त 2019 को आरोप पत्र समर्पित किया था।
जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो व्यवहार न्यायालयए खूंटी के न्यायाधीश राजेश कुमार ने दोषी को सजा सुनाने के साथ ही मासूम के पुनर्वास के लिए झारखंड पीड़िता प्रतिकार अधिनियम 2016 के तहत प्रतिकार प्रदान कराने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकार से अनुशंसा की है।