नई दिल्ली : ‘वारिस पंजाब दे’ (Waris Punjab De) का प्रमुख और खालिस्तान सपोर्टर (Khalistan Supporter) अमृतपाल सिंह (Amritpal Singh) को तमाम प्रयासों के बावजूद अभी तक पंजाब पुलिस (Punjab Police) नहीं पकड़ सकी है।
अमृतपाल पुलिस को चकमा देकर जिस बाइक से फरार हुआ वह बाइक बरामद हो चुकी है, लेकिन अमृतपाल हाथ नहीं आया।
2 दिन पहले पंजाब सरकार (Government of Punjab) ने कोर्ट में बताया कि अमृतपाल सिंह पर National Security Act यानी राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) लगा दिया गया है।
अमृतपाल के चार साथियों पर भी NSA लगाया गया है, जिन्हें असम की जेल में रखा गया है।
NSA के तहत संदिग्ध व्यक्ति को 3 महीने के लिए बिना जमानत के हिरासत में रखा जा सकता है और इसकी अवधि बढ़ाई भी जा सकती है।
इस तरह अमृतपाल बदलता रहा लोकेशन
अमृतपाल का पिछला ज्ञात लोकेशन (Known Location) जालंधर (Jalandhar) के हल्का शाहकोट में गांव नंगल अंबिया था।
यहां के निवासी नंबरदार भूपेंद्र सिंह (Bhupendra Singh) ने बताया यह उन्हें आज पता चला कि 18 तारीख को Amritpal Singh अपने साथियों सहित गांव के गुरुद्वारा में आया और वहां पर अपने कपड़े बदल कर हुलिया चेंज करके वहां से चला गया।
गुरुद्वारा साहिब (Gurdwara Sahib) के ग्रंथि से पुलिस ने पूछताछ की तो यह बातें सामने आई कि अमृतपाल 18 तारीख को गुरुद्वारा साहिब में आया था।
अमृतपाल Brezza गाड़ी में आया था और उनके पास मोटरसाइकिल भी थी और उसने आकर अपने कपड़े बदले और गुरुद्वारा साहिब में खाना भी खाया।
वह 18 तारीख को एक 1:30 बजे के करीब गुरुद्वारा साहिब में आया था।
ऐसा है कानून में प्रावधान
नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) एक ऐसा कानून है जिसमें यह प्रावधान किया गया है कि यदि किसी व्यक्ति से कोई खास खतरा सामने आता है, तो उस व्यक्ति को हिरासत (Custody) में लिया जा सकता है।
यदि सरकार को लगता है कि कोई व्यक्ति देश के लिए खतरा है, तो उसे गिरफ्तार किया जा सकता है। 1980 में देश की सुरक्षा के लिहाज से सरकार को ज्यादा शक्ति देने के उद्देश्य से बनाया गया था।
यह Act सरकार को शक्ति प्रदान करता है कि यदि उसे लगे कि किसी को देशहित में गिरफ्तार करने की आवश्यकता है, तो उसे गिरफ्तार भी किया जा सकता है।
संक्षेप में कहा जाए तो यह Act किसी भी संदिग्ध व्यक्ति (Suspect) को गिरफ्तार करने का अधिकार देता है।
इस कानून के मुताबिक, हिरासत की समयावधि को 12 महीने तक की जा सकती है।
हिरासत में लिया गया व्यक्ति हाई कोर्ट (High Court) की एडवाइजरी (Advisory) के सामने अपील कर सकता है और राज्य सरकार को यह बताना होता है कि इस व्यक्ति को हिरासत में रखा गया है।