नई दिल्ली: सरकार द्वारा किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीफ फसलों की खरीद प्रक्रिया खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) 2020-21 के दौरान अपनी मौजूदा एमएसपी योजनाओं के अनुसार ही जारी है, जिस प्रकार से विगत सत्रों में होती रही है।
खरीफ 2020-21 के लिए धान की खरीद सुचारु रूप से चल रही है। पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड, तमिलनाडु, चंडीगढ़, जम्मू और कश्मीर, केरल, गुजरात, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, झारखंड, असम, कर्नाटक, पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा से धान की खरीद की जा रही है।
3 मार्च 2021 तक इन राज्यों तथा केंद्र शासित प्रदेशों के किसानों से 669.59 लाख मीट्रिक टन से अधिक धान की खरीद की जा चुकी है, जबकि इसी समान अवधि में पिछले वर्ष केवल 583.34 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो पाई थी।
इस वर्ष में अब तक की गई धान की खरीद में पिछले वर्ष के मुक़ाबले 14.78 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज देखी गई है। 669.59 लाख मीट्रिक टन धान की कुल खरीद में से अकेले पंजाब की हिस्सेदारी 202.82 लाख मीट्रिक टन है, जो कि कुल खरीद का 30.29 प्रतिशत है।
लगभग 97.70 लाख किसानों को अब तक खरीदे गए धान के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य पर 1,26,418.70 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है।
प्रदेशों से मिले प्रस्ताव के आधार पर तमिलनाडु, कर्नाटक, महाराष्ट्र, तेलंगाना, गुजरात, हरियाणा, मध्यप्रदेश, उत्तर प्रदेश, ओडिशा, राजस्थान और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों से खरीफ विपणन सत्र 2020-21 के लिए मूल्य समर्थन योजना (पीएसएस) के तहत 88.24 लाख मीट्रिक टन दलहन और तिलहन की खरीद को भी मंजूरी प्रदान की गई है।
आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु और केरल राज्यों से 1.23 लाख मीट्रिक टन कोपरा (बारहमासी फसल) की खरीद के लिए भी स्वीकृति दी गई है।