चेन्नई: राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने छात्रों को सामाजिक बदलाव के प्रवर्तक के रूप में बदलने में शिक्षा की भूमिका को रेखांकित कर कहा कि अगर शिक्षित युवाओं को सही दिशा मिले, तब क्रांतिकारी बदलाव ला सकते हैं।
अन्ना विश्वविद्यालय के 41वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कोविंद ने कहा, ‘‘नई शिक्षा नीति का मकसद अनुसंधान और कौशल के आधार पर आधुनिक शिक्षा प्रणाली को लागू करना है।
इसमें भविष्य के दृष्टिकोण के साथ हमारी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत भी शामिल है।’’ उन्होंने कहा कि अगर शिक्षित युवाओं को सही दिशा मिले तब क्रांतिकारी बदलाव लाए जा सकते हैं।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘मुझे बताया गया है कि आज स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी स्तर के एक लाख से अधिक उम्मीदवार डिग्री प्राप्त कर रहे हैं, जिनमें से लगभग 45 प्रतिशत महिलाएं हैं।’’ कोविंद ने कहा कि कुल छात्रों में से स्वर्ण पदक और
प्रथम श्रेणी प्राप्त करने वालों में आज 60 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं और यह बेहद खुशी की बात है।
उन्होंने कहा, महिलाओं का यह शानदार प्रदर्शन विकसित राष्ट्र के रूप में भारत के भविष्य को प्रदर्शित करता है।
मैं इन बेटियों को उनकी उपलब्धियों पर बधाई देता हूं, जो आगे अकादमिक और व्यक्तिगत दोनों स्तर पर भविष्य की प्रगति का मील का पत्थर है।
कोविंद ने कहा कि अन्ना विश्वविद्यालय इसरो के साथ मिलकर एक उपग्रह ‘अनुसैट’ का डिजाइन, विकास और संचालन करने वाला पहला भारतीय विश्वविद्यालय है।