नई दिल्ली: केंद्र सरकार कई ऐसे अभूतपूर्व काम कर रही है जो चर्चा का विषय बन रहे हैं वही संवैधानिक संस्थाओं की निष्पक्षता और स्वतंत्रता पर सवालिया निशान भी लगा रहे हैं।
ऐसा लगता है की विधि मंत्रालय के माध्यम से चुनाव आयोग को संचालित किया जा रहा है चुनाव आयोग ने पूरी तरह से सरकार के सामने आत्मसमर्पण कर दिया है।
कानून मंत्रालय ने केरल की राज्यसभा चुनाव की सीटों के लिए तारीखों को लेकर निर्देश भेजें केंद्रीय चुनाव आयोग केंद्रीय कानून एवं न्याय मंत्रालय के अधीन आता है।
चुनाव आयोग पूरी तरह से स्वतंत्र है मंत्रालय चुनाव को लेकर कोई भी निर्देश चुनाव आयोग को नहीं दे सकता है किंतु चुनाव आयोग को केरल की 3 सीटों के लिए चुनाव की तारीखों को टालने का निर्देश मंत्रालय द्वारा भेजा गया।
हैरान करने की बात यह है कि चुनाव आयोग ने पहले घोषित चुनाव प्रक्रिया को रोक दिया चुनाव आयोग ने 17 मार्च को घोषणा की थी कि केरल की तीन राज्यसभा सीटों पर 14 अप्रैल को चुनाव कराए जाएंगे 24 मार्च को इसकी अधिसूचना जारी होनी थी।
किंतु 23 मार्च को केंद्रीय कानून मंत्रालय द्वारा आयोग को एक पत्र भेजा गया उसके बाद चुनाव आयोग ने अधिसूचना जारी करने को रोकने दिया।
अब केरल विधानसभा के चुनाव परिणाम आने के बाद केरल में रिक्त सीटों का चुनाव होगा।
चुनाव आयोग द्वारा 24 मार्च को जारी होने वाली अधिसूचना केंद्र सरकार के निर्देश पर रोक देने से सारे देश में बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हो रही है।