नई दिल्ली: बुलडोजर पर सेमिनार के बहाने कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग ने पार्टी मुख्यालय में बुधवार को इ़फ्तार पार्टी का आयोजन कर एक नई बहस छेड़ दी है।
इस सेमिनार में पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, अजय माकन, इमरान प्रतापगढ़ी, के राजू और वैभव श्रीवास्तव सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे।
बीजेपी के बुलडोजर तंत्र के विषय पर सेमिनार इसके कानूनी पहलुओं पर चर्चा की गई। पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट के दो युवा अधिवक्ताओं को भी आमंत्रित किया था।
कानूनी तौर पर क्या सही है और जनता को किस तरीके से उनके मकान और घर टूटने से बचाया जा सकता है इस पर कांग्रेस पार्टी ने चर्चा की लेकिन खास बात यह रही कि सेमिनार के बाद कांग्रेस पार्टी के अल्पसंख्यक आयोग की तरफ से एक डिनर का आयोजन किया गया था।
इस डिनर पार्टी में 200 से अधिक लोगों को आमंत्रित किया गया था। जिसकी व्यवस्था पार्टी के अल्पसंख्यक आयोग की ओर से की गई थी।
इस डिनर के मेनू में वेज और नॉनवेज दोनों रहे। मुख्यालय में वेज खाना बनाया गया जबकि नॉन वेज भोजन बाहर से आया।
पार्टी में आने वाले मेहमानों को चिकन कोरमा, चिकन बिरयानी, मिक्स वेज, शाही पनीर, फ्रूट चाट आदि परोसा गया।
इसको लेकर सेमिनार के आयोजक और अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष इमरान प्रतापगढ़ी ने आईएएनएस से बातचीत में कहा ये सेमीनार के बाद डिनर था, इफ्तार पार्टी नहीं।
उन्होंने कहा, मेरा रोजा है इसलिए मैं इफ्तार करूंगा और यहां मौजूद जिन लोगों का रोजा है वह सभी इफ्तार करेंगे लेकिन जिन का रोजा नहीं है वह खाना खाएंगे।
ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इफ्तार पार्टी का आयोजन गलत नहीं है, लेकिन कांग्रेस और पार्टी का अल्पसंख्यक विभाग इसे स्वीकार करने से पीछे क्यों हट रहा है।
क्या पार्टी को हिंदू वोट बैंक के छटकने का डर सता रहा है। हाल के दिनों में कांग्रेस पार्टी ने हिंदूत्व की ओर झुकाव दिखाने की जो कोशिश की है, वह बेकार हो जाएगी?
गौरतलब है कि कांग्रेस मुख्यालय में बीते कई सालों में कोई धार्मिक आयोजन नहीं हुआ है। दो दशक पहले तक जरूर होली, राम नवमी और इफ्तार पार्टी जैसे आयोजन होते थे।
सत्ता से बाहर होने के बाद से पार्टी कार्यालय में इस तरह के आयोजनों को बंद कर दिया गया। बताया जाता है कि सलमान खुर्शीद के कहने पर इफ्तारी पार्टी रखी गई है।