जैसलमेर: भारतीय वायुसेना में शामिल होने के बाद राफेल विमान पहली बार जैसलमेर जिले के पोकरण के आसमान में कलाबाजियां दिखाएगा।
भारत और फ्रांस की वायुसेना के बीच समन्वय को अधिक बढ़ाने के लिए जनवरी के तीसरे सप्ताह में एक संयुक्त युद्धाभ्यास आयोजित किया जाएगा। इस अभ्यास को स्काईरोज नाम दिया गया है।
इस युद्धाभ्यास में भारत और फ्रांस दोनों देशों की वायुसेना की विशेषज्ञता को दर्शाया जाएगा, जिसमें राफेल और सुखोई विमान शामिल होंगे।
सैैैैन्य सूत्रों के अनुसार 19 से 25 जनवरी तक आयोजित होने वाले स्काईरोज युद्धाभ्यास दोनों देशों के बीच निश्चित अंतराल में होने वाले युद्धाभ्यास गरुड़ से अलग होगा।
इस युद्धाभ्यास में भारतीय वायुसेना के पायलट राफेल विमान को उड़ाने की अपनी क्षमता का प्रदर्शन करेंगे।
साथ ही राफेल सहित कई अन्य फाइटर विमान पोकरण फील्ड फायरिंग रेंज में काल्पनिक ठिकानों और लक्ष्यों पर भी निशाना लगा सकते हैं।
राफेल विमान इस युद्धाभ्यास में शामिल होने के लिए जल्द ही जोधपुर आएंगे और सुखोई विमान यहां पहले से ही मौजूद हैं।
उल्लेखनीय है कि राफेल को भारतीय वायुसेना के पायलट पिछले कुछ महीनों से ही उड़ा रहे हैं।
ऐसे में वे अपनी क्षमता और युद्ध कौशल का प्रदर्शन करेंगे। इस दौरान वे वर्षों से राफेल उड़ा रहे फ्रांस के पायलटों के अनुभव का लाभ लेंगे।
दोनों देशों के बीच जुलाई 2019 में हुए युद्धाभ्यास में सुखोई 30 विमान फ्रांस गए थे।
इस बार होने वाला स्काईरोज युद्धाभ्यास काफी मायनों में अलग होगा, जिसमें भारतीय वायुसेना अपनी ताकत का प्रदर्शन करेगी।