रांची: रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने हेमंत सोरेन सरकार पर निशाना साधते हुए तीखा हमला किया है।
रांची में संविदाकर्मियों पर लाठीचार्ज पर सवाल उठाते हुए दास ने कहा कि पारा शिक्षकों के मामले में भी पिछली सरकार ने नियमावली बनाने से लेकर कल्याण कोष बनाने का काम किया था, लेकिन वर्तमान सरकार इसे कैबिनेट में नहीं ला सकी।
भाजपा की सरकार से बेहतर काम के लिये गठबंधन की सरकार बनी थी, पर सब कुछ धूमिल हो गया।
लोहरदगा में दंगा इस सरकार की उपलब्धि है। हमारी सरकार में एक भी ऐसी घटना नहीं हुई।
उपद्रवी शायद मुख्यमंत्री और मंत्री के ही लोग थे। उन्होंने कहा कि इस सरकार में महीने में एक कैबिनेट की बैठक होती है और एक बार में 62 संलेख लाये जाते हैं। रेडी टू इट के माध्यम 39 हजार सखी मंडल की सदस्य जुड़ी थी।
टेक होम राशन से महिलाओं को आर्थिक फायदा भी मिल रहा था। हर साल 500 करोड़ रुपये का ट्रांजेक्शन था।
लेकिन वर्तमान सरकार ने टेंडर करने का निर्णय लिया है। टेंडर उसी कंपनी को देने की चर्चा है, जिसने अंडमान-निकोबार से मजदूरों का राज्य लाया था। इस सरकार से सत्तापक्ष के विधायक तक संतुष्ट नहीं है।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस वसूली करने वाली पार्टी है। झारखंड कांग्रेस के प्रभारी आरपीएन सिंह पर पूर्व सांसद फुरकान अंसारी ने वसूली का आरोप लगाया है। पश्चिम बंगाल चुनाव के लिये कांग्रेस मुद्रा मोचन कर रही है।
इसी काम के लिये सीएम हेमंत सोरेन दिल्ली गए थे। किसानों की चिंता इस सरकार को नहीं है।
किसानों के साथ कर्जमाफी के नाम पर भद्दा मजाक किया गया। फिर से मुख्यमंत्री कृषि आशीर्वाद योजना शुरू होनी चाहिए।
सरकार को आलोचना सुननी चाहिए। लोकतंत्र में सत्ता आती-जाती रहती है। कोरोना का रोना सरकार रोते रही। सीएम के काफिले पर हमले के मामले में झूठा मुकदमा दर्ज किया गया।