रांची: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सह भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष रघुवर दास ने शुक्रवार को नयी दिल्ली में केंद्रीय ऊर्जा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) आरके सिंह मुलाकात की।
इस दौरान उन्होंने डीवीसी नियंत्रण क्षेत्र में बिजली आपूर्ति का मुद्दा उठाया। इस पर केंद्रीय मंत्री ने बताया कि राज्य सरकार की उदासीनता के कारण झारखंड के छह जिले प्रभावित हो रहे हैं।
इस मामले में राज्य सरकार राजनीति कर रही है। उसकी मंशा लोगों को बिजली मिले इसमें नहीं, बल्कि राजनीति करने में है।
राज्य सरकार खुद उपभोक्ताओं से बिजली का बिल वसूल रही है, लेकिन बकाए का भुगतान नहीं कर रही है। साथ ही डीवीसी के बारे में भ्रम फैला रही है। इससे स्थानीय निवासियों को परेशानी हो रही है।
मंत्रालय द्वारा बताया गया कि झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड ने दामोदर घाटी निगम से 14 मार्च 2020 को करार किया था, जिसके अनुसार चालू मासिक बिल का नियमित रूप से भुगतान किया जाना था।
साथ ही पुराने बकाए का भुगतान करने के लिए झारखंड सरकार अनुमोदन लेने की अनुमति लेने पर भी सहमति बनी थी।
लेकिन जेबीवीएनएल ने अपने पुराने बकाये के विरुद्ध केवल एक किस्त का भुगतान किया।
वहीं मासिक बिल के अनुसार अप्रैल 2020 से नवंबर 2020 तक के कुल 1323.90 करोड़ रुपए के एवज में से केवल 441.72 करोड पर का ही भुगतान किया गया है। इस कारण यह परेशानी आ रही है।
अधिकारियों ने बताया कि डीवीसी को कोयले के लिए अग्रिम का भुगतान करना पड़ता है।
साथ ही अपने कर्मचारियों का वेतन भी देना पड़ता है। जेबीवीएनएल के द्वारा भुगतान नहीं किए जाने के कारण डीवीसी ने तो कोयले का भुगतान कर पा रहा है, न ही अपने कर्मचारियों को वेतन दे पा रहा है।
अगर यह भुगतान नहीं होगा तो बिजली उत्पादन में बाधा आएगी। इस कारण बिजली की आपूर्ति प्रभावित हो रही है।
मंत्रालय द्वारा बताया गया कि झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड द्वारा एक लेटर ऑफ क्रेडिट दिया गया था, जिसे इन्वोक किया गया है।
भविष्य में बिजली की आपूर्ति के लिए झारखंड विद्युत वितरण निगम लिमिटेड को एक नया लेटर ऑफ क्रेडिट देना होगा।
राज्य सरकार वादे के अनुसार नियमित रूप से भुगतान करती रहेगी, तभी वहां निर्बाध विद्युत आपूर्ति संभव हो पाएगी।