- बुधवार की देर रात स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी छात्रों के सवाल का दिया जवाब
- भारत और चीन के बीच लद्दाख को लेकर 3 वर्षों से गतिरोध कायम
- रूस यूक्रेन युद्ध को लेकर भारत की नीति का कांग्रेस नेता ने किया समर्थन
- भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों पर दिया जोर
कैलिफोर्निया/नई दिल्ली: Congress के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) 6 दिनों की अपनी अमेरिका यात्रा पर हैं।
इस क्रम में बुधवार की देर रात कैलिफोर्निया (California) में स्टेनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) के छात्रों के एक सवाल का जवाब देते हुए कहा कि चीन भारत पर कुछ थोप नहीं सकता और भारत तथा चीन के संबंध आसान नहीं हैं, ये ‘‘मुश्किल’’ होते जा रहे हैं।
छात्रों ने राहुल से पूछा था,‘‘ अगले पांच से दस वर्षों में भारत और चीन (China) के बीच संबंध कैसे होंगे, आप इसे कैसे देखते हैं।’’
मेरा मतलब है कि उन्होंने हमारे कुछ क्षेत्र पर कब्जा कर रखा है। ये मुश्किल हैं, ये इतने आसान नहीं हैं।’’
पूर्वी लद्दाख में 3 वर्षों से गतिरोध
भारत और चीन के बीच पूर्वी लद्दाख में 3 वर्षों से गतिरोध कायम है। जून 2020 में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़पों के बाद संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गए थे।
भारत का रुख है कि द्विपक्षीय संबंध तब तक सामान्य नहीं हो सकते जब तक कि सीमाई इलाकों में शांति न हो।
Stanford University में बातचीत के दौरान राहुल ने पश्चिमी देशों के दबाव के बावजूद यूक्रेन युद्ध (Ukraine War) की पृष्ठभूमि में रूस (Russia) के साथ अपने संबंध बनाए रखने की भारत की नीति का समर्थन किया।
अंतत: भारत को अपने हितों की ओर देखना होगा
कांग्रेस नेता से प्रश्न किया गया था कि क्या वह रूस को लेकर भारत के तटस्थ रुख का समर्थन करते हैं, इस पर उन्होंने कहा,‘‘ हमारे रूस के साथ संबंध हैं,हमारी रूस पर कुछ निर्भरताएं है। इसलिए मेरा वही रुख है जो भारत सरकार (Indian Government) का है।’’
उन्होंने कहा कि अंतत: भारत को अपने हितों की ओर देखना होगा क्योंकि भारत एक बड़ा देश है जहां सामान्य तौर पर उसके अन्य देशों के साथ संबंध होंगे।
कांग्रेस नेता ने कहा
कांग्रेस नेता ने कहा कि यह इतना छोटा तथा आश्रित नहीं है कि इसके केवल एक के साथ संबंध हों, किसी और के साथ नहीं।
अपनी बात उन्होंने स्पष्ट करते हुए कहा, ‘‘ हमारे पास सदैव इस प्रकार के संबंध होंगे। कुछ लोगों के साथ हमारे बेहतर संबंध होंगे, कुछ के साथ संबंध बनेंगे। तो इस प्रकार का संतुलन है।’’
केवल सुरक्षा तथा रक्षा के पहलू पर ध्यान केन्द्रित करना पर्याप्त नहीं
राहुल ने भारत और अमेरिका के बीच मजबूत संबंधों का समर्थन किया, साथ ही उत्पादन की जरूरत तथा डेटा और कृत्रिम मेधा (AI) जैसे उभरते क्षेत्रों में दोनों देशों के बीच सहयोग को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा कि इन द्विपक्षीय संबंधों में केवल सुरक्षा तथा रक्षा के पहलू पर ध्यान केन्द्रित करना पर्याप्त नहीं है।