- सूरत की अदालत में एक मानहानि के केस में उन्हें अधिकतम सजा सुनाई है
- सजा सुनाए जाने के बाद में लोकसभा की सदस्यता से डिसक्वालीफाई कर दिया गया
- यूनिवर्सिटी स्टूडेंट्स से कहा, सदस्यता लेने का नाटक 6 महीने पहले शुरू हुआ
- राहुल ने स्पष्ट किया, विदेश यात्रा के माध्यम से वह किसी से नहीं मांग रहे समर्थन
स्टेनफोर्ड: Congress के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने कैलिफोर्निया (California) के प्रतिष्ठित स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी (Stanford University) में विद्यार्थियों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि जब वह साल 2000 में राजनीति में आए थे, तब उन्होंने नहीं सोचा था कि उन्हें लोकसभा सदस्यता (Lok Sabha Membership) से कभी अयोग्य घोषित किया जाएगा।
हालांकि इसे उन्होंने लोगों की सेवा करने का ‘‘बड़ा मौका’’ बताया।
वायनाड से थे सांसद
गौरतलब है कि सूरत की एक अदालत ने 2019 में ‘‘मोदी उपनाम’’ को लेकर की गई टिप्पणी से जुड़े मामले में राहुल को इस साल की शुरुआत में आपराधिक मानहानि का दोषी ठहराते हुए दो साल के कारावास की सजा सुनाई थी।
सजा के ऐलान के बाद, कांग्रेस नेता को लोकसभा की सदस्यता से अयोग्य घोषित कर दिया गया था। वह केरल के वायनाड (Wayanad) से सांसद थे।
पूरा विपक्ष भारत में कर रहा संघर्ष
संसद सदस्य के रूप में लोकसभा से अपनी अयोग्यता पर राहुल (52) ने कहा कि उन्होंने कल्पना भी नहीं की थी कि ऐसा कुछ होगा।
राहुल ने कहा, ‘‘लेकिन फिर मुझे लगता है कि इसने मुझे वास्तव में एक बड़ा अवसर दिया है। शायद बेहद बड़ा अवसर। राजनीति ऐसी ही होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे लगता है कि यह नाटक वास्तव में करीब छह महीने पहले शुरू हुआ। हम संघर्ष कर रहे थे। पूरा विपक्ष भारत में संघर्ष कर रहा है। सारा धन चुनिंदा वर्ग के पास है। संस्थाओं पर कब्जा हो रखा है। हम अपने देश में लोकतांत्रिक लड़ाई लड़ने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।’’
राहुल ने कहा कि उन्होंने उस समय ही ‘भारत जोड़ो यात्रा’ शुरू करने का फैसला किया।
ऐसा करना मेरा अधिकार
उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय छात्रों और भारतीय मूल (Indian Values) के शिक्षाविदों के साथ बातचीत के दौरान कहा, ‘‘मैं एकदम स्पष्ट हूं कि हमारी लड़ाई हमारी है।
हालांकि, यहां भारत के युवा छात्रों का एक समूह है। मैं उनके साथ संबंध बनाना चाहता हूं और उनसे बात करना चाहता हूं।
ऐसा करना मेरा अधिकार है।’’ कांग्रेस नेता ने इस बात पर जोर दिया कि विदेश यात्रा के जरिये वह किसी से कोई समर्थन नहीं मांग रहे हैं।
कार्यक्रम शुरू होने से 2 घंटे पहले ही छात्र कतार में
स्टेनफोर्ड में खचाखच भरे सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच राहुल ने कहा, ‘‘मेरी समझ में नहीं आता कि प्रधानमंत्री यहां क्यों नहीं आते और ऐसा क्यों नहीं करते।’’
इस पर कार्यक्रम संचालक ने कहा कि प्रधानमंत्री का किसी भी समय स्टेनफोर्ड आने और छात्रों तथा शिक्षाविदों के साथ बातचीत करने के लिए स्वागत है।
सभागार खचाखच भरा होने के कारण कुछ छात्रों को प्रवेश नहीं मिला। कार्यक्रम शुरू होने से 2 घंटे पहले ही छात्र कतार में लग गए थे।
गौरतलब है कि पिछले डेढ़ साल में भारत के कई नेताओं ने अमेरिका में भारतीय छात्रों से बातचीत की है।