Railways will Release new Time table: पूर्व मध्य रेलवे की आधा दर्जन से ज्यादा ट्रेनें (Train) सुपरफास्ट से बन जाएगी एक्सप्रेस।
इन ट्रेनों की गति कम कर दी गई है और स्टॉपेज बढ़ गए हैं। इसलिए जनवरी 2025 में नई समय सारिणी में इनका Superfast का दर्जा छिन सकता है। रेलवे बोर्ड इस पर विचार कर रहा है।
पूर्व मध्य रेलवे के कई ट्रेनों की रफ़्तार और ठहराव में बदलाव के कारण, उन्हें सुपरफास्ट का दर्जा खोना पड़ सकता है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रेलवे बोर्ड जनवरी 2025 में नई समय सारिणी जारी करेगा।
इसमें इन ट्रेनों से सुपरफास्ट का दर्जा छिन सकता है। इससे यात्रियों को फायदा ही होगा क्योंकि उन्हें सुपरफास्ट का अतिरिक्त किराया नहीं देना होगा।
यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगा बदलाव
नवंबर 2024 में Railway Board ने सभी जोन और मंडलों से ट्रेनों के समय और ठहराव की जानकारी मांगी थी। यह जानकारी मिलने के बाद अब बोर्ड नई समय सारिणी पर काम कर रहा है। रेलवे जून और अक्टूबर में समय सारिणी में बदलाव करता है, लेकिन 2024 में ऐसा नहीं हुआ। इसलिए अब 2025 में बड़े बदलाव की उम्मीद की जा रही है।
सुपरफास्ट ट्रेनों की न्यूनतम गति 90 किमी प्रति घंटा होनी चाहिए, लेकिन बढ़ते ठहराव के कारण इन ट्रेनों की गति घटकर 70-75 किमी प्रति घंटा रह गई है। यही कारण है कि इनसे सुपरफास्ट का दर्जा छिन सकता है।
मुजफ्फरपुर से कई सुपरफास्ट ट्रेनें गुजरती हैं, जैसे सप्तक्रांति, बिहार संपर्क क्रांति, वैशाली और स्वतंत्रता सेनानी सुपरफास्ट। इनमें से दो ट्रेनों पर सुपरफास्ट का दर्जा छिनने का खतरा है।
यह बदलाव यात्रियों के लिए फायदेमंद साबित होगा। उन्हें सुपरफास्ट का अतिरिक्त किराया नहीं देना पड़ेगा। हालांकि, ट्रेन के लेट होने की संभावना बढ़ सकती है।