रायपुर: बेरोजगारी के आंकड़ों ने एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का परचम बुलंद कर दिया है।
ऐसा सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन की ओर से जारी आंकड़ों में भी दिखाई देता है। इन आंकड़ों के अनुसार छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे क्रम पर है।
पिछले वर्ष के अंत दिसंबर की स्थिति के अध्ययन के बाद सीएमआईई के आंकड़ों के अनुसार देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक में है।
कर्नाटक में सिर्फ 1.4 प्रतिशत बेरोजगारी है, जबकि सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बताई गई है।
छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था।
इस मॉडल के तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है।
इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण एवं वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही।
अब नये आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में बेरोजगारी दर में लगातार चिंताजनक उछाल है, वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर केवल 2.1 प्रतिशत है।
नये आंकड़ों के मुताबिक गुजरात 1.6 प्रतिशत के साथ कम बेरोजगारी वाला दूसरा राज्य है, जबकि पड़ोसी ओड़िशा 1.6 प्रतिशत के साथ तीसरे क्रम पर एवं मध्यप्रदेश 3.4 प्रतिशत के साथ सातवें क्रम पर है।
उत्तरप्रदेश में 4.9 प्रतिशत की बेराजगारी दर है। असम 5.8 प्रतिशत के साथ 12 वें क्रम पर है। राजस्थान में 27.1 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर रही है।
रिपोर्ट के अनुसार पिछले साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी, जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.9 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी।
दिसंबर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.7 प्रतिशत रही, जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत रही।
सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकॉनॉमी संगठन 45 वर्षों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृषि, उद्योग आदि क्षेत्रों में सतत अध्ययन कर डेटाबेस का निर्माण करता आया है। उसके द्वारा जारी आंकड़ों को प्रामाणिक माना जाता है।