उत्तर प्रदेश: UP के कद्दावर नेता और प्रतापगढ़ (Pratapgarh) के कुंडा से MLA रघुराज प्रताप सिंह (Raghuraj Pratap Singh) उर्फ राजा भैया और उनकी पत्नी भानवी सिंह के तलाक के मामले में सुनवाई 23 मई तक के लिए टल गई।
तलाक (Divorce) की अर्जी राजा भैया की ओर से दाखिल की गई है। अदालत ने राजा भैया की पत्नी भानवी को नोटिस (Notice) जारी कर जवाब मांगा था।
मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई
साकेत कोर्ट स्थित फैमिली कोर्ट (Family Court) जज शुनाली गुप्ता सोमवार को छुट्टी पर थीं इसलिए मामले की सुनवाई स्थगित कर दी गई। वहीं लिंक मजिस्ट्रेट (Magistrate) के समक्ष भानवी के अधिवक्ता ने जवाब दाखिल करने के लिए समय मांगा।
राजा भैया (Raja Bhaiya) ने तलाक याचिका में आरोप लगाया है कि भानवी सिंह (Bhanvi Singh) ने ससुराल छोड़ दिया है और वापस आने से इनकार कर दिया है। उसने यह भी आरोप लगाया कि उसने उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ झूठे आरोप लगाए जो क्रूरता के बराबर है।
2022 में दायर की थी याचिका
रघुराज प्रताप सिंह ने पत्नी से तलाक के लिए याचिका दायर की है। याचिका 2022 में दायर की गई थी। उसने क्रूरता और परित्याग के आधार पर तलाक मांगा है। रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया की शादी को 28 साल हो गए हैं।
करीब एक महीने पहले राजा भैया की पत्नी भानवी ने जोर बाग थाने में FIR दर्ज कराई थी। तब उन्होंने MLC अक्षय प्रताप सिंह के ऊपर गंभीर आरोप लगाए थे।
भानवी सिंह और MLC अक्षय चला रहे थे कंपनी
राजा भैया की पत्नी ने MLC अक्षय प्रताप सिंह उर्फ गोपाल के खिलाफ EOW में वित्तीय अनियमितता को लेकर केस दर्ज कराया था।
कुंडा विधायक राजा भैया की पत्नी और MLC अक्षय प्रताप सिंह एक कंपनी साथ में मिलाकर चला रहे थे।
कंपनी के ज्यादातर शेयर हथियाने का आरोप
भानवी का आरोप है कि अक्षय प्रताप ने उनके फर्जी हस्ताक्षर (Fake Signature) कर उनकी कंपनी के ज्यादातर शेयर हथिया लिए थे।
जिसमें कर्मचारियों पर गड़बड़ी और भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था। अक्षय प्रताप सिंह राजा भैया के राइटहैंड (Right Hand) माने जाते हैं।