जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने सोमवार को कहा कि राज्य सरकार स्वास्थ्य के अधिकार की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रही है। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को इसे जल्द से जल्द अंतिम रूप देने का निर्देश दिया है।
इस साल जनवरी में राजस्थान सरकार ने देश के पहले स्वास्थ्य का अधिकार कानून का एक मसौदा बिल तैयार किया है जो रोगियों, उनके परिचारकों व स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के अधिकारों को परिभाषित करता है और हितधारकों की शिकायतों को दूर करने के लिए एक तंत्र प्रदान करता है।
गहलोत ने अपने सरकारी आवास पर आयोजित स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि इस विधेयक में मरीजों के हित में सभी जरूरी प्रावधान शामिल होने चाहिए।
गहलोत ने मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना को जमीनी स्तर पर सफल बनाने के भी निर्देश दिए।
इस योजना की शुरुआत एक अप्रैल को प्रदेश के लोगों को इलाज पर होने वाले अधिक खर्च के कारण होने वाले तनाव से मुक्त कराने के उद्देश्य से की गई थी।
गहलोत ने कहा, हमारी सरकार ने राज्य के लोगों को ओपीडी और आईपीडी में मुफ्त इलाज और परीक्षण सेवाएं प्रदान करने के लिए एक अभिनव योजना शुरू की है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, डॉक्टर और नर्सिग समुदाय सेवा भावना से इस योजना को सफल बनाने के लिए तैयार रहें और यह सुनिश्चित करें कि मरीजों को मुफ्त इलाज में किसी प्रकार की परेशानी न हो।
गहलोत ने कहा, स्वास्थ्य राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। यही कारण है कि सरकार ने मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना और मुख्यमंत्री नि:शुल्क निरोगी राजस्थान योजना जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की हैं। हम चाहते हैं कि राजस्थान स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में अग्रणी राज्य बने।
राज्य सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि इन योजनाओं को जमीनी स्तर पर पूरी प्रतिबद्धता के साथ क्रियान्वित किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि योजना को सफल बनाने के लिए सभी स्तरों पर नियमित निगरानी की जाएगी।