चंडीगढ़ृ : भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत और संयुक्त मोर्चा के बयानों के बीच एक बार फिर आगरा की महापंचायत में विरेधाभास दिखाई दिया जहां राकेश टिकैत ने यहां एक बार फिर से संसद कूच का आह्वान किया।
उन्होंने कहा कि कृषि कानून वापस नहीं हुए तो अबकी बार हल क्रांति होगी और किसान संसद में जाकर ट्रैक्टर चलाएंगे। दूसरी तरफ संयुक्त मोर्चा ने टिकैत के इस बयान से किनारा कर लिया।
कुंडली बॉर्डर पर संयुक्त मोर्चा की 7 सदस्यों वाली कोर कमेटी और 2 निमंत्रित सदस्यों की बैठक हुई। इसमें भी टिकैत के बयान को लेकर चर्चा हुई। इस पर कुछ सदस्य नाराज दिखे।
बैठक के बाद मोर्चे ने कहा कि यह राकेश टिकैत का निजी बयान है। संसद कूच का मोर्चा का कोई कार्यक्रम नहीं है। बैठक में 28 को होने वाली मोर्चे की बैठक के लिए तैयारी की गई।
बता दें कि टिकैत ने कहा था कि वो संसद में जाकर ट्रैक्टर चलाएंगे, अगर उन्हें जेल भी ले जाएंगे तो वहां जो पार्क हैं, उनमें गेहूं-मक्के की बिजाई करेंगे।
टिकैत ने इसके साथ ये भी का था कि मुझे पता है कि इसके बाद मुझे 12-13 साल तिहाड़ जेल में रहना पड़ेगा, लेकिन किसान तो आजाद हो जाएंगे।
उन्होंने कहा कि तारीख मैं नहीं बताऊंगा, तारीख संयुक्त मोर्चा तय करेगा। टिकैत के इस बयान पर अब संयुक्त मोर्चा ने किनारा करते हुए कहा कि यह टिकैत का निजी बयान है।
किसानों ने राष्ट्रपति को पत्र लिख जेल में बंद किसानों के खिलाफ दर्ज मामले खारिज करने और उन्हें बिना शर्त तुरंत रिहा करने की मांग की है।
इसके साथ ही दिल्ली की सीमाओं पर किसान मोर्चे की पुलिस घेराबंदी के नाम पर, आम आदमी की बंद सड़कों को खोले जाने की भी मांग की।
किसानों और उनके संघर्ष के समर्थक व्यक्तियों व संगठनों के खिलाफ दर्ज पुलिस मामले भी खारिज किए जाएं।