आगरा : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की बॉर्डर पर आंदोलनरत ने शनिवार को 100 दिन पूरे कर लिए। आंदोलन मजबूत होता रहे, इसके लिए भारतीय किसान यूनियन (बीकेयू) के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने एक फॉर्म्युला दिया है।
उन्होंने किसानों से 1वी-1टी-15एम-10डी फॉर्म्युला अपनाने की अपील की है। इसका मतलब एक गांव, एक ट्रैक्टर, 10 दिन के लिए 15 पुरुष हैं। बीकेयू ने अपने कैडर से कहा है कि वह हर जिले में इस फॉर्म्युले को लागू करे।
बीकेयू नेता धर्मेंद्र मलिक ने कहा कि टिकैत के इस फॉर्म्युले से बड़ी संख्या में किसान आंदोलन में शामिल हो पाएंगे और फिर वे खेती के लिए अपने गांवों को लौट भी सकेंगे।
उन्होंने दावा किया कि किसानों के समूहों के नेता लगातार सरकार से रुकी पड़ी बातचीत शुरू करने को कह रहे हैं मगर सरकार इसमें दिलचस्पी नहीं ले रही।
भारतीय किसान यूनियन के राज्य प्रभारी राजवीर सिंह जादौन ने कहा, टिकैत आंदोलन को मजबूत करने और जारी रखने के लिए एक फॉर्म्युला लेकर आए हैं।
इस फॉर्म्युले के तहत, हर गांव के 15 लोग धरनास्थल पर 10 दिन रहने चाहिए और फिर अगले 15 उनकी जगह लेंगे। पहला खेमा अपने गांव लौटकर खेती-बाड़ी करे।
इस फॉर्म्युले से किसान आंदोलन सालों तक जारी रह सकता है। टिकैत लगातार किसान महांपचायतों में कहते रहे हैं कि अगर केंद्र नए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेता तो किसान 40 लाख ट्रैक्टर लेकर दिल्ली आएंगे और संसद घेरेंगे।
नए खेती कानूनों के विरोध में आंदोलन के 100 दिन पूरे होने पर किसानों ने शनिवार को काला दिवस मनाया और पलवल, कुंडली समेत 8 जगहों पर कोएमपी-केजीपी एक्सप्रेस-वे जाम किया। किसानों ने 5 घंटे जाम लगाया।
इस कारण दिल्ली-आगरा हाइवे, ग्रेटर नोएडा में ईस्टर्न पेरिफेरल एक्सप्रेस-वे पर आवाजाही में असर पड़ा। जरूरी सेवाओं के वाहन नहीं रोके गए। किसान नेता राकेश टिकैत ने इस जाम को ट्रायल बताया।
वहीं, किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा कि हम सरकार से बातचीत को तैयार हैं, लेकिन कानून पूरी तरह वापस हों। बदलाव कबूल नहीं है।