Ram Mandir Celebration Khunti: अयोध्या (Ayodhya) नगरी में विश्व के पालनहार भगवार रामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सोमवार को नजारा लोगों ने देखा वह अद्भूत और अलौकिक था। हर ओर रामधुन और भगवा ध्वज और भगवाधारी रामभक्तों के सैलाब के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा था।
कहीं अपूजा-पाठ तो कहीं आरती हो रही थी तो कहीं हवन तो कहीं भंडारा हो रहा था। सुदूर दुर्गम पर्वतीय गांव हो या शहर ओर सिर्फ रामभक्ति की दिख रही थी। पूरा इलाका राममय नजर आ रहा था।
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर सनातनियों का उत्साह अभूतपूर्व था। बड़े-बुजुर्गों ने भी कहा रामभक्ति का ऐसा जोश और उमंग न भूतो न भविष्यति। उन्होंने कहा कि हमलेागों ने त्रेता युग को तो नहीं देखा था, पर भगवान राम क प्राण प्रतिष्ठा समारोह ने इसका अहसास करा दिया।
सुबह से ही विभिन्न मदिरों और धार्मिक स्थलों पर भक्तो का तांता लगने लगा औ यह सिलसिला देंर रात तक जारी रहा। हर मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद भजन-कीर्तन और भंडारे का आयोजन किया गया।
विभिन्न पूजा समितियों और सामाजिक संगठनों द्वारा भी प्रसाद वितरण और भंडारे का आयोजन किया गया। रामभक्तों का ऐसा सैलाब रामनवमी मे भी नजन नहीं आता है, पर सड़कों पर उतरे सैलाब से भीड़ के सारे कीर्तिमान (Record) तोड़ दिये।
इस तरह की भीड़ को देखकर पुलिस के भी हाथ-पांव फूलने लगे थे, पर सब समारोह शांतिपूर्वक (Peacefully) संपन्न हो गये।
झंडा के लिए मारामारी की स्थिति
प्राण्ध प्रतिष्ठा समारोह को लेकर बजरंग बली और रामध्वज की मांग इतनी अधिक रही कि दुकानों में भारी भीड़ उमड़ पड़ी, लेकिन अधिकतर लोगों को झंडा मिल नहीं पाया। दुकानदारों का कहना है कि झंडों की इतनी मांग होगी, ऐसा तो कभी सोचा ही नहीं था।
कई लोगों ने झंडा न मिलने पर फोटो लगाकर गांव में पूजा-अर्चना की। बाबा आम्रेश्वरधाम, नामकोम शिवालय,बुढ़वा महोदेव सहित तमाम मंदिरों में दिन भर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती रहीे।
सरना धर्मावलंबियों ने की की पूजा-अर्चना, गांव में मंदिर बनाने का लिया संकल्प
प्राण प्रतिष्ठा को लेकर तोरपा प्रखंड के दुर्गम चंपा बाहा गांव में सरना धर्मावलंबियों का उत्साह देखते ही बनता था। गांव वालों ने पारपंरिक वेशभूषा में ग्राम प्रधान रेड़ा मुंडा और पाहन शशि मुंडा के नेतृत्व में रामध्वज, सरना झंडा और बजरंगबली का झंडा लगाकर पूजा-अर्चना की और भजन-कीर्तन के साथ ही भंडारे का आयोजन किया।
मौके पर ग्रामीणों ने चंपा बाहा गांव में हनुमान मंदिर के निर्माण का संकल्प लिया। इस पावन अवसर पर कई जगहों पर मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ, तो कई जगहों पर मंदिरों की प्राण प्रतिष्ठा।