अयोध्या : भगवान श्रीराम की जन्मस्थली अयोध्या में भव्य और विशाल राम मंदिर के निर्माण का कार्य शुरू हो गया है।
श्री राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि अब राम मंदिर परिसर 107 एकड़ के क्षेत्र में बनाया जाएगा। पहले ये जगह सिर्फ 70 एकड़ की थी।
ट्रस्ट के मुताबिक, श्री राम जन्मभूमि परिसर के आसपास ट्रस्ट ने 7285 स्क्वायर फीट ज़मीन खरीदी है। जिसके बाद अब राम मंदिर परिसर का निर्माण 107 एकड़ में किया जाएगा।
आपको बता दें कि रामजन्मभूमि विवाद पर आए फैसले के बाद श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट को सुप्रीम कोर्ट के आदेश अनुसार 70 एकड़ ज़मीन मिल गई थी। जो पहले केंद्र सरकार के अधीन थी।
लेकिन अब ट्रस्ट की ओर से आसपास की कुछ और ज़मीन खरीदी गई है, ताकि राम मंदिर परिसर को भव्य और विशाल रूप में बनाया जा सके।
अयोध्या में 5 अगस्त 2020 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर की नींव रख दी थी। इसी के बाद से ही यहां पर काम किया जा रहा है।
राम मंदिर का नक्शा पास हो गया है, नींव को लेकर काम किया जा रहा था और उसी हिसाब से डिज़ाइन में अपडेट भी किया जा रहा था।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, राम जन्मभूमि परिसर में करीब पांच एकड़ के इलाके में रामलला का मंदिर बनेगा।
उसके अलावा अन्य क्षेत्र में अन्य कई मंदिर बनेंगे, यात्रियों के लिए सुविधाएं होंगी, म्यूजियम, लाइब्रेरी जैसे स्थानों का भी निर्माण करवाया जाएगा। मंदिर के लिए लंबे वक्त से पत्थरों को तराशने का काम किया जा रहा है।
अयोध्या में हो रहे मंदिर निर्माण के लिए ट्रस्ट ने कई कंपनियों के साथ समझौता किया है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुताबिक, लार्सन एंड टुब्रो लिमिटेड को श्री राम मंदिर के निर्माण परिकल्पना एवं निर्माण हेतु नियुक्त किया गया है।
इसके अलावा मंदिर क्षेत्र में तीर्थयात्रियों के लिए संबद्ध सेवाओं/सुविधाओं के विकास के लिए क्षेत्र को विकसित करने के लिए टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स को प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंसी और डिज़ाइन एंड इंजीनियरिंग के साथ ट्रस्ट का समझौता हुआ है।
ट्रस्ट की ओर से इसी साल की शुरुआत में मंदिर निर्माण के लिए देशभर से चंदा इकट्ठा करने का अभियान चलाया गया था। ट्रस्ट के मुताबिक, चंदा अभियान में करीब 2100 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा हुआ है।
ट्रस्ट की ओर से राम मंदिर निधि समर्पण अभियान चलाया गया था, जो कि कुल 44 दिनों तक चला।
इसके तहत अलग-अलग जगहों पर चंदे की पर्चियां काटी गई थीं। ट्रस्ट के मुताबिक, करीब 10 लाख टोलियों में 40 लाख कार्यकर्ताओं ने देशव्यापी अभियान चलाया, जिसमें 2100 करोड़ रुपये का चंदा इकट्ठा हुआ।