मुंबई: Om Raut द्वारा निर्देशित फिल्म ‘आदिपुरुष’ (Adipurush) 16 जून को हर जगह रिलीज हुई। रामायण (Ramayana) पर आधारित इस फिल्म को लेकर दर्शकों में उत्सुकता थी।
देखा गया कि पहले दिन ही फिल्म देखने के लिए दर्शकों की भीड़ सिनेमाघरों में उमड़ पड़ी।
हालांकि, ‘आदिपुरुष’ दर्शकों को पसंद नहीं आई। इस फिल्म को कई लोगों ने ट्रोल किया है।
रामायण सीरीज (Ramayana Series) के डायरेक्टर रामानंद सागर (Director Ramanand Sagar) के बेटे प्रेम सागर (Prem Sagar) ने फिल्म ‘आदिपुरुष’ पर कमेंट किया है।
रावण के रोल और डायलॉग्स पर किया कमेंट
प्रेम सागर ने हाल ही में मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिसमें उन्होंने ‘आदिपुरुष’ की कहानी, सिनेमाई आजादी, फिल्म में रावण (Ravana) के रोल और डायलॉग्स (Dialogues) पर कमेंट किया।
उन्होंने कहा, ”मैंने फिल्म नहीं देखी है। लेकिन मैंने आदिपुरुष का ट्रेलर और टीजर देखा है।
रामानंद सागर ने भी रामायण में क्रिएटिव फ्रीडम (Creative Freedom) का इस्तेमाल किया था।
लेकिन वह श्रीराम को समझ चुके थे। कई पाठों को पढ़ने के बाद उन्होंने छोटे-मोटे बदलाव किए।
लेकिन सच्चाई के साथ कभी छेड़छाड़ नहीं की गई।
रावण को खलनायक के रूप में चित्रित नहीं कर सकते
फिल्म ‘आदिपुरुष’ में सैफ अली खान (Saif Ali Khan) द्वारा निभाए गए रावण के रोल के बारे में उन्होंने कहा, ‘रावण एक विद्वान और बुद्धिमान व्यक्ति था।
उन्हें खलनायक के रूप में चित्रित करना गलत है। शास्त्रों के अनुसार रावण ने इतनी तबाही इसलिए की क्योंकि वह जानता था कि श्रीराम (Sriram) के हाथों ही उसे मोक्ष मिल सकता है।
श्रीराम भी रावण को विद्वान मानते थे। जब रावण मरने वाला था, तब श्रीराम ने कुछ सीखने के इरादे से लक्ष्मण को उनके पैरों पर जाने के लिए कहा।
इसलिए आप रावण को खलनायक (Villain) के रूप में चित्रित नहीं कर सकते।’
‘आदिपुरुष’ फिल्म मार्वल बनाने की कोशिश
इंटरव्यू में उनसे हनुमान द्वारा बोले गए Dialogue ‘तेल तेरे बाप का, जलेगी तेरे बाप की’ के बारे में भी पूछा गया।
इसका जवाब देते हुए प्रेम सागर हंस पड़े और इसे टपोरी स्टाइल (Tapori Style) बताया।
उन्होंने यह भी कहा कि ओम राउत ने ‘आदिपुरुष’ फिल्म Marvel बनाने की कोशिश की थी।
कई लोगों ने रामायण लिखी है लेकिन इसकी कहानी किसी ने नहीं बदली। केवल रंग और भाषा बदली है।
जबकि ‘आदिपुरुष’ में सच्चाई से छेड़छाड़ की गई है। क्या आप रामायण पर Web Series बनाएंगे?
उनसे भी पूछा गया। इसका जवाब देते हुए उन्होंने कहा, ‘मेरे पिता ने कहा था कि 85 साल तक ऐसी रामायण कोई नहीं बना पाएगा। उन्होंने लोगों को मर्यादा पुरुषोत्तम की कहानी सुनाई।’