रामेश्वर उरांव का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण, संविधान की मर्यादा तार-तार करने वाले मंत्री दें इस्तीफा: संजय सेठ

News Aroma Media

रांची: बिहारी व मारवाड़ी समुदाय के प्रति दिया गया झारखंड के मंत्री रामेश्वर उरांव का बयान बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।

यह बयान ना सिर्फ दुर्भाग्यपूर्ण है बल्कि मंत्री की मानसिकता को दर्शाने वाला है।

यूपीएससी क्वालीफाई कर आईपीएस की नौकरी करने वाले और अब राजनीति में सक्रिय रहने वाले व्यक्ति का ऐसा बयान ना सिर्फ उनका व्यक्तिगत बयान है बल्कि यह पूरी कांग्रेस पार्टी की मानसिकता है।

उक्त बातें रांची के सांसद संजय सेठ ने शनिवार को कही।

सेठ ने कहा कि सिर्फ तोड़ने की राजनीति करने वाले कांग्रेसी और कांग्रेस पार्टी को यह जवाब देना चाहिए कि रामेश्वर उरांव ने किस परिस्थिति में ऐसा बयान दिया।

रामेश्वर उरांव ने ऐसा बयान देकर संविधान की मर्यादा को भी तार-तार करने का काम किया है।

क्योंकि संवैधानिक पद पर बैठा कोई व्यक्ति जब शपथ लेता है, तो वह संविधान की शपथ लेता है।

देश की संप्रभुता और एकता को अखंड रखने की शपथ लेता है।

लेकिन रामेश्वर उरांव के इस बयान ने संविधान की मर्यादा को भी तार-तार किया है।

उन्होंने कहा कि नैतिकता के आधार पर उन्हें मंत्रिमंडल से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए और झारखंड की जनता से माफी मांगनी चाहिए।

यह देश हर भारतवासी का है और हर भारतवासी इस देश का नागरिक है।

ऐसे में क्षेत्र और जाति की बात करके कांग्रेस के मंत्री समाज में वैमनस्यता फैलाना चाह रहे हैं।

यही वैमनस्यता बाद में अराजकता का रूप धारण करती है। तब समाज और देश दोनों का नुकसान होता है।

सेठ ने कहा कि रामेश्वर उरांव को यह बताना चाहिए कि बिहारी और मारवाड़ी दोनों ही समुदाय ने झारखंड का क्या नुकसान किया।

 उन्हें यह नहीं भूलना चाहिए कि राज्य के विकास में इन दोनों समुदाय की अच्छी भूमिका रही है।

राज्य सरकार के सिर्फ मंत्री का यह बयान उनका व्यक्तिगत बयान नहीं हो सकता है।

यह पूरी पार्टी की मानसिकता को प्रदर्शित  करने वाला है।

अपने इस बयान पर रामेश्वर उरांव को मारवाड़ी और बिहारी दोनों ही समुदाय से माफी मांगनी चाहिए।