रामगढ़: जिले में मत्स्य पालन (Fisheries) एक बड़ा रोजगार सृजन (Job Creation) कर सकता है। रामगढ़ में तालाबों की संख्या भले कम हो लेकिन यहां बंद पड़े खदान का उपयोग तालाब के रूप में किया जाए तो उससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता है।
यह बातें शनिवार को मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से आयोजित बैठक में DC चंदन कुमार (DC Chandan Kumar) ने कही। उन्होंने कहा कि बंद पड़े खदानों में मत्स्य विभाग मछली पालन करें। शुरुआत में 4 खदानों का चयन भी बैठक में कर लिया गया है।
समिति को काफी फायदा हुआ
बैठक के दौरान जिला मत्स्य पदाधिकारी प्रदीप कुमार (Pradeep Kumar) के द्वारा उपायुक्त को जिले के विभिन्न क्षेत्रों में बंद पड़े खदानों एवं खदानों में मत्स्य पालन को बढ़ावा देने के मद्देनजर तैयार की गई परियोजना की जानकारी दी गई।
जिला मत्स्य पदाधिकारी के द्वारा बताया गया कि जिले के मांडू प्रखंड अंतर्गत आरा क्षेत्र में कुज्जू मत्स्य जीवी सहयोग समिति के द्वारा बंद खदान नंबर 8 में मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है।
जिससे की समिति को काफी फायदा हुआ है। इसी को ध्यान में रखते हुए जिले के अलग-अलग क्षेत्रों में कुल 4 बंद पड़े खदानों को चिन्हित कर मत्स्य पालन का कार्य किया जाना है।
मत्स्य पालन के दिशा में कार्य करने का निर्देश
उन्होंने बताया कि 4 बंद पड़े खदानों में आरा कोलपिट नंबर 8, आरा कोलपीट नंबर 14, सयाल कोलपिट एवं सौंदा डी कोलपिट में 2 मत्स्य जीवी समितियों के कुल 8 समूहों के द्वारा मत्स्य पालन का कार्य किया जाएगा। परियोजना के माध्यम से लगभग 250 लोगों को रोजगार मिलेगा।
उपायुक्त ने संबंधित खनन क्षेत्र के CCL के अधिकारियों के साथ उपरोक्त खदानों में मत्स्य पालन का कार्य शुरू करने को लेकर आवश्यक विषयों पर चर्चा की।
जिसके उपरांत उपायुक्त ने जिले वासियों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के मद्देनजर जल्द से जल्द परियोजना के तहत कार्य शुरू करने का निर्देश दिया। वहीं उपायुक्त ने अन्य बंद पड़े खदानों को भी चिन्हित करने व मत्स्य पालन (Fisheries) के दिशा में कार्य करने का निर्देश दिया।