रामगढ़: झारखंड का एकमात्र सिद्ध पीठ रजरप्पा मां छिन्नमस्तिके दरबार के आसपास घने जंगलों में जंगली हाथियों के झुंड ने अपना डेरा डाल दिया है। सोमवार को जंगली हाथियों के डर से पूरे इलाके में सनसनी फैल गई।
हाथियों को देखने के बाद रजरप्पा पुलिस ने श्रद्धालुओं और आम नागरिकों को अलर्ट रहने की घोषणा की है।
रजरप्पा थाना प्रभारी विपिन कुमार ने सोशल मीडिया के जरिए पूरे इलाके में हाई अलर्ट जारी किया है। इस दौरान उन्होंने बताया है कि मंदिर जाने वाले श्रद्धालु और ग्रामीण पूरी तरीके से सुरक्षित रहें।
वे पूरी सतर्कता के साथ ही मंदिर की तरफ जाने वाले रास्ते पर यात्रा करें। जंगली हाथियों के झुंड में 1 दर्जन से अधिक हाथी हैं। जिसमें दो बच्चे भी हैं।
हाथियों का उत्पात जिले के ग्रामीण इलाकों और जंगलों में अक्सर होता रहता है।
यही वजह है कि गर्मियों और बरसात के मौसम में ग्रामीणों को एक बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है। जिले का वन विभाग भी हाथियों के उत्पात के मद्देनजर ग्रामीणों को समय-समय पर अलर्ट करता रहता है।
डीएफओ वेद प्रकाश कंबोज ने बताया कि उस क्षेत्र के रेंजर को अलर्ट किया गया है, ताकि जंगलों में ग्रामीणों की आवाजाही ना हो। साथ ही ग्रामीणों को हाथियों को भगाने के लिए सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है।
असम की तर्ज पर रामगढ़ में भी वन विभाग हाथियों को भगाने का करे इंतजाम : शहजादा अनवर
ग्रामीणों ने वन विभाग पर लगाया आरोप
हाथियों के उत्पात पर कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शहजादा अनवर ने कहा कि रामगढ़ जिला जंगली हाथियों की चपेट में लगभग सालों भर रहता है।
अबतक 300 से अधिक लोगों की जाने जंगली हाथियों के द्वारा ले ली गई है।
पूरे इलाके में वन विभाग के द्वारा ना तो पटाखों की बेहतर व्यवस्था की जाती है और ना ही ग्रामीणों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
इस मुद्दे को लेकर उनके द्वारा कई बार आंदोलन भी किया गया है। हाथियों का झुंड ना सिर्फ किसानों की फसलों को बर्बाद करता है, बल्कि वह उनके जान माल का भी भारी नुकसान करता है।
रामगढ़ वन विभाग के अधिकारियों को असम और दूसरे प्रदेशों की तर्ज पर एक बेहतर टीम बनानी चाहिए, ताकि ग्रामीणों को सही प्रशिक्षण मिले और उन तक हाथियों को भगाने के लिए सही उपकरण पहुंच सके। तभी यहां के ग्रामीण सुरक्षित रह पाएंगे।