रामगढ़: रामगढ़ कोर्ट ने दहेज के लिए विवाहिता की हत्या के मामले में बुधवार को फैसला सुनाया है। इस मामले में प्रथम जिला एवं सत्र न्यायाधीश राधा कृष्ण के कोर्ट से पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
साथ ही सास और ससुर को सात साल की सजा दी गई है। अधिवक्ता राम विनय राम ने बताया कि रामगढ़ थाने में 11 जून 2020 को खिरोधर महतो के द्वारा बेटी की हत्या के मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई गई थी।
इस मामले में मृतिका रीता देवी के पति बूढ़ा खुखरा निवासी जय राम महतो को उम्र कैद की सजा के साथ-साथ 80000 का जुर्माना लगाया गया है।
जुर्माना नहीं देने पर तीन साल की कारावास अतिरिक्त होगी। ससुर जगेश्वर महतो और सास तिलकी देवी को सात- सात साल की सजा और 40 -40 हजार का जुर्माना लगाया गया है।
इन दोनों को जुर्माना नहीं देने पर एक साल की अतिरिक्त कारावास की सजा दी गई है। साथ ही देवर नरेश महतो बरी कर दिया गया है।
केस के अनुसंधानकर्ता सोनू साहू ने किया बेहतर कार्य
रामगढ़ थाना कांड संख्या 78 /2020 के अनुसंधानकर्ता के रूप में सोनू कुमार साहू ने बेहतर कार्य किया है। 1 साल के अंदर उन्होंने पूरी जांच की और आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर कर दिया था।
2018 बैच के दारोगा के द्वारा किए गए बेहतर जांच के कारण ही कोर्ट के द्वारा यह फैसला एक साल के अंदर सुनाया गया है।
क्या था पूरा मामला
मृतिका रीता देवी के पिता खिरोधर महतो ने दर्ज प्राथमिकी में कहा था कि उनकी पुत्री की शादी 17 अप्रैल 2019 को जयराम महतो के साथ हुई थी।
शादी के दौरान उन्होंने दहेज के रूप में काफी सारा सामान, एक मोटरसाइकिल और तीन लाख नगद दिए थे। विवाह के बाद रीता देवी अपने ससुराल बूढ़ा खोखरा में रहने लगी थी।
शादी के एक महीने के बाद से ही दामाद जय राम महतो, ससुर जगेश्वर महतो, सास तिलकी देवी सहित घर के अन्य सदस्यों के द्वारा दहेज के रूप में एक फोर व्हीलर गाड़ी की मांग की जाने लगी।
उनकी डिमांड पूरी नहीं होने पर रीता देवी के साथ मारपीट और घरेलू हिंसा शुरू हो गया। 11 जून 2020 को उन्हें सूचना मिली की उनकी पुत्री रीता देवी को ससुराल वालों के द्वारा मारकर कुआं में डाल दिया गया है।
जब खिरोधर महतो अपने परिजनों के साथ बूढ़ा खुखरा गांव पहुंचे तो पता चला कि उनकी पुत्री की जघन्य हत्या की गई है। बातचीत के दौरान ही ससुराल वालों के द्वारा उनके साथ गाली गलौज और मारपीट भी करने की धमकी दी गई।