Five members of ATM hacking gang arrested: रामगढ़ पुलिस ने ATM काटकर रुपए चोरी करने वाले अंतर्राज्यीय चोर गिरोह का पर्दाफाश कर दिया है। इस गिरोह के पांच शातिर अपराधियों को पकड़ा गया है।
उनके पास से चोरी की रकम 1.70 लाख रुपए भी बरामद की गई है। इस मामले की जानकारी गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस में रामगढ़ SP अजय कुमार ने दी। उन्होंने बताया कि अंतर्राज्यीय चोर गिरोह में शामिल अपराधी हरियाणा और बिहार राज्य के हैं।
गिरफ्तार चोरों में हरियाणा राज्य के नूंह जिला अंतर्गत रोजका थाने के रूपाहेडी निवासी आसिफ उर्फ गंजा, बिहार राज्य के गया जिला अंतर्गत शेरघाटी थाने के लिवगंज, पुरानी चट्टी निवासी असलम मियां उर्फ बुढ़वा, सारण जिले के बनियापुर थाना क्षेत्र अंतर्गत नगडीहा गांव निवासी अविनाश गिरी उर्फ विक्की, गुड्डू सिंह और हरपुर छतवा गांव निवासी सुनील गिरी शामिल हैं।
तीन ATM काटकर उड़ा लिए थे 50 लाख रुपए
SP ने बताया कि इस गिरोह ने बिहार और झारखंड में तीन ATM मशीन को काटकर 50 लाख रुपए उड़ा लिए थे। रामगढ़ थाना क्षेत्र के बाजारटांड़ से एसबीआई का ATM कार्ड कर 1.30 लाख रुपए चतरा जिले में ATM Card कर 17.95 लाख और बिहार राज्य के नवादा जिले से 29.50 लाख चोरों ने उड़ा लिए थे।
रामगढ़ थाना क्षेत्र में 23 अगस्त को इस गिरोह ने एटीएम मशीन काटकर चोरी की थी। SP ने बताया कि अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चार टीम बनाई गई थी।
सभी टीम अलग-अलग स्थान पर छापेमारी कर रही थी। एक टीम हरियाणा में थी, तो एक टीम बिहार में। इसके अलावा कोई छपरा और सिवान में घूम रहा था, तो कोई सारण जिले की खाक छान रहा था। लेकिन अंततोगत्वा सभी अपराधी पकड़े गए। सभी अपराधियों के पास से 6 मोबाइल जप्त किए गए हैं।
साथ ही ATM से निकाले गए 1.70 लाख रुपए भी बरामद हुए। यह सभी नोट बैंकों के सीरियल नंबर से मैच कर रहे थे।
चोरी की रकम से खरीदी गई थी स्कॉर्पियो
SP ने बताया कि इस गिरोह ने चोरी की रकम से एक स्कॉर्पियो बीआर 01 एचवाई 3132 खरीदी थी। इसके अलावा हरियाणा से वरना कार HR72H1700 और एक क्रेटा कार बिहार राज्य से जप्त किया गया है।
क्रेटा कार पर लगाया गया नंबर प्लेट जेएच 09 एजे 8372 फर्जी था। सभी गाड़ियों को जप्त कर रामगढ़ लाया गया है। एसपी ने बताया कि रामगढ़ के बाजारटांड़ में जब ATM काटने के लिए चोर गिरोह के पांच सदस्य आए थे, तो वे हरियाणा नंबर गाड़ी से ही आए थे।
SP ने बताया कि गिरोह के हर सदस्य की चोरी में अहम भूमिका थी। इस टीम में एटीएम काटने वाला मास्टरमाइंड से लेकर रेकी करने वाले सदस्य तक शामिल हैं।
यह लोग गूगल मैप से बैंक के द्वारा लगाए गए ATM का ऐसा लोकेशन ढूंढ निकालते थे, जहां चोरी करना आसान हो सके। गाड़ी में पांचों सदस्य एक साथ घटनास्थल पर पहुंचते थे।
एक आदमी एटीएम मशीन कटता था, तो दूसरा आदमी वहां लगाए गए सीसीटीवी कैमरे पर स्प्रे छिड़कता था। तीसरा आदमी ड्राइवर की भूमिका निभाता था और दो लोग सड़क पर पुलिस की गाड़ियों पर नजर रखते थे। चंद पलों में ही चोरी कर यह लोग वहां से रफू चक्कर हो जाते थे।
शेरघाटी में अपराधियों को असलम मियां के घर मिलती थी पनाह
SP ने बताया कि बाहर से आने वाले अपराधियों को शेरघाटी में असलम मियां उर्फ बुढ़वा ( 53) के घर में पनाह मिलती थी। मास्टरमाइंड असलम पूरी योजना बनाकर रखता था और 25 से 35 वर्ष के बीच के युवक उस योजना पर काम करते थे।
चोरी की वारदात को अंजाम देने के लिए बेहद सटीक तरीके से यह गिरोह काम करता था। हरियाणा से निकालकर बिहार पहुंचने वाले अपराधी अपना मोबाइल अपने घर पर छोड़कर आते थे।
बिहार में असलम मियां उनकी गाड़ी को अपने घर पर लगवाता था। उसके बाद दूसरी गाड़ी से गूगल मैप के सहारे निकल गए लोकेशन पर पूरी टीम जाती थी।
पूरा जायजा लेने के बाद यह लोग अपनी हरियाणा नंबर कार से निकलकर घटना को अंजाम देते थे और वापस लौट जाते थे। चोरी की गई रकम को यह लोग आपस में बांट लेते थे।
SP ने बताया कि आसिफ, असलम, अविनाश, सुनील और गुड्डू का यह गैंग सिर्फ चोरी ही नहीं करता, यह लोग साइबर क्रिमिनल भी हैं। यह लोगों को ठगते हैं और उनका अकाउंट खाली करवा लेते हैं।
हरियाणा के जिस जगह से आसिफ को पकड़ा गया है, वह पूरा इलाका बेहद संवेदनशील है। वहां अपराधियों की अपनी एक सरकार चलती है। रामगढ़ पुलिस ने बेहद होशियारी से इस गैंग को पकड़ा है।
पश्चिम बंगाल के जेल में तैयार हुआ था यह गिरोह
पुलिस के अनुसार चोरों का यह गिरोह जेल में तैयार हुआ था। असलम मियां 10 वर्षों तक जेल में रहा है। उसने कई राज्यों में आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया है। जब वह पश्चिम बंगाल के मेदिनीपुर जेल में बंद था, वहीं उसकी मुलाकात शातिर अपराधियों से हुई।
इसके बाद इस गिरोह ने अलग-अलग राज्यों में ठिकाना होने का फायदा उठाया। चोरी की वारदात को अंजाम देकर बड़ी सफाई से निकलने का प्लान भी बनाया।
उन लोगों ने उड़ीसा राज्य के सुंदरगढ़, संबलपुर के अलावा बिहार और झारखंड में कई वारदातों को अंजाम दिया है। वे लोग बड़ी सफाई से निकल जाते थे और उनके खिलाफ कोई सुराग पुलिस को नहीं मिलता था।
वे लोग अपनी चोरी की वारदातों में ना तो मोबाइल का इस्तेमाल करते थे और ना ही किसी अन्य तकनीकी चीज का। यहां तक की गैस कटर भी वे लोकल स्तर पर खरीदते थे और उसके इस्तेमाल के बाद उसे फेंक देते थे।
SP ने टीम में शामिल 18 लोगों को दिया रिवॉर्ड
SP ने टीम में शामिल सभी पुलिस पदाधिकारियों को 5000 रुपए का रिवॉर्ड दिया है। इसके अलावा उन पदाधिकारियों को प्रशस्ति पत्र भी दिया गया।
टीम में DSP हेड क्वार्टर चंदन कुमार वत्स, रामगढ़ SDPO परमेश्वर प्रसाद, मांडू इंस्पेक्टर सुरेश लिंडा, रामगढ़ थाना प्रभारी कृष्ण कुमार, रजरप्पा थाना प्रभारी नवीन प्रकाश पांडे, गजेंद्र कुमार पांडे, मांडू थाना प्रभारी रंजीत कुमार यादव, कुज्जू ओपी प्रभारी दिगंबर पांडे, वेस्ट बोकारो ओपी प्रभारी सदानंद कुमार, रामगढ़ थाना में पदस्थापित सौरभ कुमार ठाकुर, आशुतोष कुमार सिंह, ओंकार पाल, टेक्निकल सेल में पदस्थापित लालू सोरेन, दिलीप कुमार वर्णवाल, पुलिस लाइन के आरक्षी रूपेश कुमार सिंह, मोहम्मद गुलाब खान, सुरेंद्र साहू, नीरज उरांव को यह रिवॉर्ड दिया गया है।