रामगढ़ : जिले के कुज्जू ओपी क्षेत्र अंतर्गत बैंक ऑफ इंडिया की मरार शाखा से 9.50 लाख के सिक्के अचानक गायब हो गये हैं।
इस मामले में बैंक मैनेजर ने कुज्जू ओपी में प्राथमिकी दर्ज करायी है। सिक्कों के गायब होने की बात जब सामने आयी, तो बैंक कर्मचारियों पर ही चोरी के इल्जाम लगने शुरू हो गये।
पुलिस जांच और बैंक अधिकारियों द्वारा दिये गये बयान के आधार पर सबसे पहले बैंक के ही दो कर्मचारियों पर पैसों के गबन का आरोप लगने लगा।
इस पूरे मामले में कुज्जू ओपी प्रभारी अवधेश कुमार ने बताया कि पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ही जांच शुरू कर दी थी।
बैंक कर्मचारियों की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। बैंक के बक्सों से सिक्के गायब हैं और कुछ बैंक कर्मचारी जांच के दायरे में हैं।
पुलिस की जांच में यह बात भी सामने आयी है कि बैंक में सिक्कों की गिनती के मामले में घोर लापरवाही बरती जा रही है। वर्ष 2016 के बाद इस बैंक में कभी भी सिक्कों की गिनती कर्मचारियों द्वारा नहीं की गयी।
जांच के दौरान बैंक अधिकारियों ने बताया कि बैंक में एक, दो, पांच और 10 रुपये के सिक्के का पैकेट बनाया जाता है। एक रुपये के सिक्के का एक पैकेट 1000 का होता है।
दो रुपये के सिक्कों का पैकेट 2500 रुपये का होता है। ₹पांच रुपये के सिक्कों का पैकेट 12500 रुपये का होता है। जबकि, 10 रुपये के सिक्कों का पैकेट 20000 रुपये का होता है।
सिक्कों के लेन-देन में न तो बैंक देते समय गिनती करता है और न ही ग्राहकों से लेते समय उसकी गिनती होती है। सिक्कों का व्यापार बैंक पिछले पांच वर्षों से भरोसे के आधार पर ही अपने ग्राहकों के साथ कर रहा है।
बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में कुल 20 लाख रुपये के सिक्के रखने का रिकॉर्ड बनाया गया था। लेकिन, जब उन्हें डिलीवरी के लिए निकाला गया, तो उसमें से 9.50 लाख रुपये गायब पाये गये।
पुलिस को ऐसा प्रतीत हो रहा है कि बैंक कर्मचारियों के साथ ग्राहकों द्वारा भी बेईमानी की गयी होगी। लेकिन, अब इसे साबित करना भी पुलिस के लिए टेढ़ी खीर है। अब इतनी मोटी रकम का भुगतान बैंक प्रबंधन कर्मचारियों के वेतन से करने की फिराक में भी है।