रामगढ़ : रामगढ़ छावनी परिषद के सीईओ और पूर्व विधायक शंकर चौधरी के बीच जंग जारी है।
गुरुवार को पूर्व विधायक शंकर चौधरी समर्थकों के साथ सुभाष चौक के पास स्थित डेली मार्केट पहुंचे। वहां उन्होंने सबसे पहले छावनी परिषद के रवैये के खिलाफ आक्रोश व्यक्त किया और फिर डेली मार्केट में लगाये गये ताले को तोड़ दिया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि छावनी परिषद का कानून सिर्फ यहां के पूंजीपतियों को शह दे रहा है, जबकि गरीबों के खिलाफ लगातार कोड़े चला रहा है।
छावनी परिषद की इस दोहरी नीति के खिलाफ यह लड़ाई कोई आखिरी नहीं है। अभी उनकी लड़ाई चलती रहेगी।
शंकर चौधरी ने कहा कि छावनी परिषद क्षेत्र में कई ऐसे मॉल हैं, जहां बेसमेंट में दुकानें चलायी जा रही हैं, जो गैरकानूनी है।
यहां पर छावनी परिषद के सीईओ उन दुकानों के मालिकों से लाखों रुपये वसूलते हैं और उन्हें कानून तोड़ने की छूट दे देते हैं, जबकि यहां के गरीब किसान का निवेदन भी नहीं सुना जा रहा है।
चौधरी ने कहा, “आज हमलोगों ने डेली मार्केट का ताला तोड़कर यह साबित कर दिया है कि तानाशाही रवैये के खिलाफ आंदोलन चलता रहेगा।
इस डेली मार्केट से लोगों को हटाने की साजिश चल रही थी, लेकिन अब हम यह नहीं होने देंगे। अगर किसानों और सब्जी विक्रेताओं को यहां से हटाना है, तो सबसे पहले सीईओ को शहर में बेसमेंट की दुकानों को बंद कराना होगा और उनके मालिकों को सबसे पहले जेल भेजना होगा।”
शंकर चौधरी ने यह भी कहा कि छावनी परिषद क्षेत्र में हो रहे अवैध कार्यों और गैरकानूनी कार्यों को लेकर वे हर 15 दिन पर सीईओ को पत्र लिखेंगे और उनसे जवाब मांगेंगे।
बता दें कि छावनी परिषद के सीईओ और पूर्व विधायक के बीच तनातनी चल रही है। सीईओ ने पूर्व विधायक के खिलाफ 23 दिसंबर को रामगढ़ थाना में आवेदन देकर प्राथमिकी भी दर्ज करायी थी।
छावनी परिषद के सीईओ ने पूर्व विधायक शंकर चौधरी समेत 13 लोगों पर डेली मार्केट का ताला तोड़ने का आरोप लगाया था। इसके बाद भी पूर्व विधायक और उनके समर्थकों ने अपने आंदोलन को बंद नहीं किया।