Ramgarh News: रामगढ़ (Ramgarh ) शहर के गोलपार्क में खाता नंबर 59 प्लॉट नंबर 290 का 1.51 एकड़ जमीन पूरी तरीके से सरकारी है। लेकिन अब उस जमीन पर कई लोगों ने अपना दावा कर जमीन को विवादित बनाने का काम किया है।
एक तरफ गोलपार्क की पूरी जनता और जनप्रतिनिधि उस सरकारी जमीन को बचाने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक रहे हैं, तो दूसरी तरफ भू माफिया (Land Mafia) उस जमीन पर अपना कब्जा जमाने के लिए एड़ी चोटी एक कर चुके हैं।
अब ऐसा लग रहा है कि भू माफिया पैसों के दम पर हर वह काम करना चाहते हैं जो पूरी तरीके से गैरकानूनी है। जिस जमीन का सरकारी होने का सबूत अंचल कार्यालय ही वर्ष 2013-14 में दे चुका है तो फिर 2015 में उसकी रजिस्ट्री होना और फिर उसकी जमाबंदी कायम होना अपने आप में एक बड़ा सवाल पैदा करता है।
वर्ष 2013-14 में कर्मचारी ने इस सरकारी जमीन की बनाई थी रिपोर्ट
जिस जमीन पर फैयाज अहमद और उनकी पत्नी तरन्नुम जहां ने 27 डेसिमल पर अपना दावा ठोका है, वह जमीन वर्ष 2013-14 तक पूरी तरीके से सरकारी थी।
उसका एक उदाहरण यह है कि जमीन पर शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनाने के लिए ग्रामीण कार्य विभाग में बकायदा टेंडर निकला था। जब भवन की ढलाई होने बाकी थी तब तत्कालीन डीसी आबू इमरान ने भी यह बात ठेकेदार को बताई कि कुछ लोगों ने उस जमीन पर अपना दावा ठोका है।
लेकिन दावा ठोकने वालों के सारे आधार बे बुनियाद साबित हुए। वह अस्पताल का भवन सरकारी खर्चे में बना और ठेकेदार को उसका पूरा पेमेंट भी किया गया। जब उस भवन का निर्माण शुरू हुआ था तब तत्कालीन अंचल अधिकारी और कर्मचारी ने उसकी जांच रिपोर्ट बनाई थी। उन्होंने कहा था कि यह जमीन सरकारी है। इसके बाद उस जमीन पर सरकारी भवन बना था।
जिस ठेकेदार ने अस्पताल का भवन बनाया था उनका नाम पंकज कुमार तिवारी है। वे कांग्रेस पार्टी के एक वरीय नेता है और समाज में उनकी एक अच्छी पैठ है। उन्होंने यह बताया कि ग्रामीण कार्य विभाग ने उस भवन के निर्माण के लिए टेंडर निकाला और वह टेंडर कानूनी रूप से उन्हें मिला था। जब भवन बनकर तैयार हो गया तब कुछ लोगों ने उस जमीन की रैयती होने का दावा किया था।
लेकिन उनके पास विभाग की रिपोर्ट थी तो उनका काम नहीं रुका। ना ही पेमेंट को लेकर कोई विवाद विभागीय स्तर पर हुआ। उन्होंने उस दावे को भी बेबुनियाद बताया जिसमें यह कहा जा रहा है कि कुछ लोगों ने अस्पताल के लिए जमीन दान में दी है।
SDO कोर्ट ने गड्ढा खान और तरन्नुम जहां को सिविल कोर्ट जाने का दिया आदेश गोलपार्क की जमीन पर दावा पेश करने वाले वजीउद्दीन खान उर्फ गड्ढा खान और तरन्नुम जहां को SDO कोर्ट में पार्टी बनाते हुए धारा 144 के तहत सुनवाई की गई थी। सुनवाई के बाद SDO कोर्ट ने कहा कि उनके दावे पर कोई आदेश पारित करने के लिए उनका कोर्ट सक्षम नहीं है। उस जमीन पर किसी भी तरह के दावेदारी पर आदेश देने के लिए सक्षम न्यायालय में वाद दायर किया जाना चाहिए।
लेकिन अब तरन्नुम जहां SDO Court के उस आदेश को न मानते हुए सीधे तौर पर जबरन बाउंड्री करने पर आमदा है। इस केस के एक पार्टी गड्ढा खान की चुप्पी भी इस बात की ओर इशारा कर रही है की जबरन बाउंड्री में उनका लाभ भी शामिल है।