रामगढ़: रामगढ़ जिला चारों तरफ से घाटियों से घिरा हुआ है। इन घाटियों में अक्सर दुर्घटनाएं होती रहती हैं।
इसके अलावा सड़क हादसों में कई लोगों की जान विभिन्न स्थानों पर जा चुकी है लेकिन हर दुर्घटना की जानकारी लोगों तक नहीं पहुंच पाती है।
अब आई रेड ऐप पर दुर्घटना की सूचना और पूरी जानकारी लोगों को उपलब्ध होगी।
आईआईटी चेन्नई के द्वारा बनाए गए आई रेड ऐप (इंटीग्रेटेड रोड एप्लीकेशन डाटाबेस) के बारे में जिले के सभी पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
शुक्रवार को क्राइम मीटिंग के दौरान प्रोग्राम के डीआरएम उपेंद्र प्रसाद ने इसकी जानकारी एसपी, डीएसपी और सभी थाना प्रभारियों को दी।
डीआरएम उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे के निर्देश पर यह ऐप बनाया गया है।
इस ऐप में पुलिस, ट्रांसपोर्ट से जुड़े हुए अधिकारी जैसे डीटीओ, एमवीआई, हाईवे से जुड़े हुए अधिकारी और हॉस्पिटल के प्रभारी सिविल सर्जन दुर्घटनाओं से संबंधित जानकारी अपडेट करेंगे।
रामगढ़ जिले में डीएसपी हेडक्वार्टर संजीव कुमार मिश्रा को इस प्रोग्राम का नोडल ऑफिसर बनाया गया है। उन्हीं के नेतृत्व में रामगढ़ जिले में सूचनाएं अपडेट होंगी।
डीआरएम उपेंद्र प्रसाद ने बताया कि सड़क दुर्घटनाओं में सबसे पहले पुलिस पहुंचती है।
अगर पुलिस नहीं पहुंची तो घायल व्यक्ति या मृतक अस्पताल पहुंचता है। दुर्घटनाओं में एनएचएआई के अधिकारी भी पहुंचते हैं।
दुर्घटनाओं में क्षतिग्रस्त हुई गाड़ियों की जानकारी डीटीओ और एमवीआई ऑफिस में रहती है।
इन सभी अधिकारियों के पास जैसे ही दुर्घटनाओं की सूचना आएगी, वह दुर्घटना में घायल या मृतक के नाम, उम्र, उसका पूरा पता, जिस स्थान पर दुर्घटना हुई है उस जगह का नाम आई रेड ऐप में अपडेट करेंगे।
अत्यधिक दुर्घटना वाले क्षेत्र की होगी समीक्षा
इस ऐप के माध्यम से भारत सरकार को इस बात की जानकारी होगी कि किस हाईवे पर कौन सा स्थान एक्सीडेंटल जॉन है।
जिस स्थान पर अत्यधिक दुर्घटना होगी, उस स्थान को सुरक्षित करने के लिए क्या उपाय किए जाए, इसकी भी समीक्षा होगी।
सड़क हादसों में लोगों की जान किस तरीके से बचाई जाए, इसके लिए मिनिस्ट्री ऑफ रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे काफी संवेदनशील है।