रामगढ़ में कृषि विज्ञान केंद्र में प्रधानमंत्री के संबोधन का हुआ प्रसारण

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रामगढ़: रामगढ़ के कृषि विज्ञान केंद्र में गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संबोधन किसानों को सुनाया गया।

कार्यक्रम में प्राकृतिक खेती अपनाने, कम लागत में अधिक लाभ कमाने सहित अन्य विषयों पर गृह मंत्री अमित शाह, कृषि एवं कल्याण मंत्री नरेंद्र तोमर सहित अन्य वैज्ञानिकों ने भी किसानों को संबोधित किया।

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सर्वेश सिंह, जिला परिषद सदस्य, हजारीबाग उपस्थित रहे। केंद्र के प्रभारी डीके राघव ने मुख्य अतिथि का स्वागत पौधा देकर किया।

मुख्य अतिथि ने किसानों को आमदनी बढ़ाने के लिए केंद्र द्वारा किए जा रहे प्रयासों को विस्तृत रूप से बताया और किसानों से संसाधनों का अधिकतम प्रयोग करते हुए लागत को कम करके ज्यादा मुनाफा कमाने के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी।

केंद्र के प्रभारी डॉक्टर दुष्यन्त कुमार राघव ने किसानों को धान के बाद खाली खेत में सरसों, मसूर इत्यादि लगाने की बात कही, जिससे फसल चक्र गहनता के प्रतिशत में बढ़ोतरी की जा सके।

साथ ही उन्होंने पौधों एवं सब्जियों में लगने वाले बीमारी एवं कीट पतंगों के जैविक प्रबंधन के बारे में किसानों को विस्तृत जानकारी दी।

केंद्र के वैज्ञानिक डॉ इंद्रजीत ने वेस्ट डी कंपोजर, जीवामृत के प्रयोग एवं ई-नाम, किसान उत्पादक समूह के बारे में विस्तृत रूप से चर्चा की। उन्होंने कहा कि आज किसानों को उत्पादक के साथ-साथ व्यापारी भी बनना पड़ेगा तभी उनको सही मूल्य प्राप्त होगा।

इसके लिए भारत सरकार द्वारा वन नेशन वन मार्केट की व्यवस्था की गई है। कोई भी किसान भारत के किसी कोने में भी मंडी में अपने उत्पाद बेच सकता है।

केंद्र के वैज्ञानिक डॉ धर्मजीत खेरवार ने किसानों को बागवानी एवं विचड़ा उत्पादन के बारे में विस्तृत रूप से बताया।

मौसम वैज्ञानिक सनी आशीष बालमुचू ने किसानों को मेघदूत एवं मौसम पूर्वानुमान के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तर पर कृषि विज्ञान केंद्र द्वारा सप्ताह में दो बार एडवाइजरी जारी की जाती है, जिसमें मौसम पूर्वानुमान के साथ- साथ फसल प्रबंधन के में विस्तृत जानकारी दी जाती है।

इस कार्यक्रम में केंद्र के सन्नी कुमार, शशि कान्त चौबे के साथ-साथ रामगढ़ जिले के 300 से अधिक महिला एवं पुरुष किसानों ने भाग लिया। कार्यक्रम का संचालन डॉ इंद्रजीत एवं धन्यवाद ज्ञापन डॉ धर्मवीर खेरवार ने किया।