Ramzan-ul-Mubarak: देशभर में मुस्लिम समाज पवित्र महीने रमजान-उल-मुबारक (Ramzan-ul-Mubarak) के रोजे रखने की तैयारियों में जुट गया है।
Islamic Calendar के अनुसार इस साल रमजान-उल-मुबारक का चांद 11 मार्च (सोमवार) की शाम को दिखने की संभावना है, जिसके बाद 12 मार्च (मंगलवार) से माह-ए-रमजान शुरू हो जायेगा। वहीं, 9 या 10 अप्रैल की शाम को ईद-उल-फितर का चांद दिखने की संभावना है।
हालांकि, खगोलीय गणना के आधार पर ये तिथियां अस्थायी हैं। पारंपरिक रूप से रमजान की सटीक शुरुआत की पुष्टि चांद दिखने के साथ की जाती है।
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना होता है, जोकि शाबान महीने (आठवां महीना) के बाद आता है। इस्लाम धर्म में रमजान के महीने को बहुत ही पाक माना जाता है।
इस्लामिक कैलेंडर के अनुसार, रमजान का महीना नौवां महीना होता है, जिसे सबसे पवित्र और खास माना जाता है। इस पूरे महीने मुसलमान सुबह से लेकर शाम तक यानी सूर्योदय होने से लेकर सूर्यास्त तक उपवास रखते हैं।
रमजान आमतौर पर 29 या 30 दिनों का
रमजान आमतौर पर 29 या 30 दिनों का होता है, जो चंद्रमा के दिखने पर निर्भर करता है और इस अवधि के दौरान उपवास करना सभी वयस्क मुसलमानों के लिए अनिवार्य होता है, जब तक कि वे बीमार न हों, यात्रा न कर रहे हों, मासिक धर्म चल रहा हो, गर्भवती, मधुमेह या बुजुर्ग न हों।
रमजान का मतलब क्या है?
रमजान शब्द अरबी मूल रमिदा या अर-रमद से लिया गया है, जिसका अर्थ है चिलचिलाती गर्मी और यह इस्लाम के पांच स्तंभों में से एक है, जिसमें शामिल हैं शहादा (विश्वास का एलान), सलात (प्रार्थना), जकात (भिक्षा देना), सॉम (Fasting) और हज (तीर्थयात्रा)।
रोजा शुरू करने से पहले जो भोजन खाया जाता है, उसे सेहरी या सुहूर कहा जाता है और इफ्तार वह भोजन है, जिसके साथ मगरिब की शाम की अजान सुनने के बाद रोजा तोड़ा जाता है।
कैलेंडर के आठवें महीने, यानी शाबान महीने के आखिरी दिन हिलाल अर्थात वर्धमान चांद देखने के बाद रमजान की शुरुआत मानी जाती है। सबसे पहले Saudi Arab में रमजान या फिर ईद का चांद दिखाई देता है।
इसके बाद भारत में इस साल रमजान की 12 मार्च को शुरू होने की उम्मीद है। अगर 11 मार्च को चांद नजर आता है, तब इसमें 12 मार्च को पहला रोजा रखा जा सकता है।
इस्लामी मान्यताओं के अनुसार, इस महीने में मुसलमानों की प्रमुख किताब यानी कुरआन पैगंबर मोहम्मद पर नाजिल (Descended) हुआ था।
मुस्लिम ग्रंथों में माना गया है कि रमजान के महीने में अगर सच्चे और पाक दिल से दुआ मांगी जाये, तब अल्लाह सभी दुआएं पूरी करते हैं। साथ ही सारे गुनाह भी माफ हो जाते हैं।