रांची: अपर न्यायायुक्त विशाल श्रीवास्तव की अदालत ने सोमवार को पूर्व विधायक निर्मला देवी (Nirmala Devi) सहित 11 आरोपितों को बरी कर दिया। यह मामल निषेधाज्ञा उल्लंघन (Injunction Violation) से जुड़े एक मामले में पर्याप्त साक्ष्य के अभाव से जुड़ा है।
सुनवाई के दौरान बड़कागांव की तत्कालीन विधायक निर्मला देवी सहित 10 आरोपित अदालत में व्यक्तिगत रूप में मौजूद थी।
15 सितंबर 2016 को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए कफन सत्याग्रह चलाया
जबकि हजारीबाग जेल में बंद एक आरोपित बसारत मियां को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग (Video Conferencing) के माध्यम से पेश किया गया।
चिरूडीह माइनिंग एरिया (Chirudih Mining Area) बड़कागांव में शांति भंग होने को लेकर धारा 144 लगा हुआ था। बावजूद योगेंद्र साव एवं निर्मला देवी (Yogendra Saw and Nirmala Devi) ने अपने समर्थकों के साथ 15 सितंबर 2016 को निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए कफन सत्याग्रह चलाया।
योगेंद्र साव सहित उनके समर्थकों के खिलाफ केस किया
बचाव पक्ष के अधिवक्ता विमल कुमार ने बताया कि निषेधाज्ञा उल्लंघन (Injunction Violation) करने के आरोप में हजारीबाग के तत्कालीन SDO अनुज कुमार प्रसाद ने तत्कालीन विधायक निर्मला देवी, योगेंद्र साव सहित उनके समर्थकों के खिलाफ केस किया था।
मामले में सुनवाई के दौरान अभियोजन की ओर से एक गवाह प्रस्तुत किया गया था।
उल्लेखनीय है कि इस मामले में पूर्व मंत्री योगेंद्र साव (Yogendra Saw) को 27 फरवरी को साक्ष्य के अभाव में बरी हो चुके हैं।