रांची: कॉमर्शियल माइनिंग पॉलिसी के तहत झारखंड में प्राइवेट कंपनियों को आवंटित किये गये आठ कोल ब्लॉक्स के जरिए लगभग 28 हजार लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है।
इन खदानों में 3090 करोड़ का निवेश होगा और इससे सालाना 2800 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होगा। यह अनुमान केंद्र सरकार की ओर से जारी एक रिपोर्ट में व्यक्त किया गया है।
देश में तीन चरणों में अब तक 28 कोल ब्लॉक की नीलामी की गयी है। इनमें झारखंड के आठ कोल ब्लॉक शामिल हैं।
झारखंड के जिन कोल ब्लॉकों की नीलामी हुई, उनमें गिरिडीह जिले में ब्रह़माडीहा, चतरा जिले में चकला एवं गोंदुलपारा(नॉर्थ कर्णपुरा), रामगढ़ में जगेश्वर व खास जगेश्वर (वेस्ट बोकारो), राउता क्लोजड माइन, बुराखाफ स्मॉल पैच, राजमहल में उर्मा पहाड़ी टोला, डालटनगंज में राजहरा नॉर्थ शामिल हैं। इन कोयला ब्लॉक्स में खनन का काम 2022 से 2024 तक शुरू हो जाने की उम्मीद है।
कोयला खदानों को चालू कराने के लिए कोयला मंत्रालय के अधिकारियों ने झारखंड सरकार के अफसरों के साथ बैठक भी की है।
इसके अलावा कोयला मंत्रालय ने विगत 14 दिसंबर को देश भर के 99 कोल ब्लॉक्स की नीलामी के लिए चौथे चरण की प्रक्रिया शुरू है।
इनमें से झारखंड में स्थित 10 कोल ब्लॉक्स की नीलामी की जानी है। नीलाम किये जाने वाले कोल ब्लॉक्स में वृंदा, जयनगर, सासई, चितरपुर, लातेहार, नॉर्थ धाढ़ू, बसंतपुर, बिंजा, धुलिया नॉर्थ और गावा शामिल हैं।
बता दें कि केंद्र सरकार की नयी कॉमर्शियल माइनिंग पॉलिसी के तहत वर्ष 2020 में कोल बलॉक्स की नीलामी की प्रक्रिया शुरू हुई थी।
अब तक पूरे देश में कुल 28 कोल ब्लॉक्स नीलाम किये गये हैं, जिनके जरिए कुल 84 हजार से भी ज्यादा रोजगार सृजित किये जाने की उम्मीद है।
झारखंड के अलावा मध्य प्रदेश में आठ, छत्तीसगढ़ मे पांच, महाराष्ट्र में चार और उड़ीसा में तीन कोल ब्लॉक नीलामी के आधार पर निजी कंपनियों को दिये गये हैं।