रांची: बिरला इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी (BIT) का 31वां दीक्षांत समारोह बुधवार को सम्पन्न हुआ। समारोह में 35 गोल्ड मेडलिस्ट सहित 6555 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई।
समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित केंद्र सरकार के प्रिंसिपल साइंटिफिक एडवाइजर पद्मश्री डॉ के विजय राघव ने कहा कि यहां के बाद विद्यार्थी जब अपने जीवन की शुरुआत करेंगे तब आपको दो तरह की बातों से रूबरू होना होगा।
पहली यह की आप नौकरी करेंगे और जीवन गुजारेंगे। दूसरा कि आप दुनिया में बदलाव लाएंगे और दुनिया के रक्षक बनेंगे।
अभी की दुनिया काफी बदल गई है। जैसा हजारों साल पहले हुआ करती थी। प्रतिभा की कमी किसी में नहीं होती, बस जरूरत है उसे निखारने की।
अपने आप को कमजोर ना समझे
विद्यार्थियों को भटकना नहीं है। समय की कीमत भी समझना है। जीवन के जिस क्षेत्र में रहे उत्कृष्टता पाना है। आप कभी अपने आप को कमजोर ना समझे।
इस अवसर पर झारखंड के राज्यपाल सह कुलाधिपति रमेश बैस ने कहा कि उपाधि लेना ही जीवन का उद्देश्य नहीं होना चाहिए।
आज के वैश्विक युग ने युवाओं को कई स्वर्णिम अवसर प्रदान किए हैं लेकिन चुनौतियां भी कम नहीं है लेकिन युवाओं को इन चुनौतियों के बीच रास्ता बनाते हुए आगे बढ़ना है और भटकना नहीं है।
बीआईटी (BIT) मेसरा के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स के अध्यक्ष केसी बिड़ला ने कहा कि बदलती दुनिया के वाहक बने। आपके पास दीक्षांत के बाद खुद को साबित करने की असीम संभावना है।
दीक्षांत समारोह में सत्र 2016-2020 और सत्र 2017-2021 के यूजी, पीजी, पीएचडी और डिप्लोमा में सफल 6555 विद्यार्थियों को डिग्री दी गई। इसके अलावा 35 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिया गया। गोल्ड मेडल के लिए सत्र 2020 से 17 और सत्र 2021 से 18 विद्यार्थी शामिल है।