रांची : झारखंड में पहली बार शिक्षकों का पद सृजन होने वाला है। राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में लगभग 71 हजार पद सृजित करने की तैयारी है।
इस संबंध में स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा प्रस्ताव विभागीय मंत्री जगरनाथ महतो को भेजा गया है।
पद सृजन के बाद शिक्षकों की नियुक्ति होने से आधे से अधिक पारा शिक्षक सरकारी शिक्षक बन सकते हैं।
प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली में 50 फीसदी पद पारा शिक्षकों के लिए आरक्षित हैं।
71 हजार पद सृजन के बाद नियुक्ति से 35 हजार पारा शिक्षक सरकारी शिक्षक बन सकते हैं। इसके अलावा प्राथमिक व मध्य विद्यालयों में फिलहाल 22728 पद रिक्त हैं।
क्या है पद सृजन का आधार
विद्यालयों में पद सृजन शिक्षा का अधिकार अधिनियम व छात्र, शिक्षक अनुपात को आधार बना कर करने का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
बता दें कि गत 20 वर्षों में राज्य में स्कूल व विद्यार्थियों की संख्या तो दोगुनी हो गयी, पर शिक्षकों के पद सृजित नहीं हुए। नतीजन, बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है।
लगभग दोगुने हुए स्कूल
पहले झारखंड में 20377 सरकारी विद्यालय थे, आज इसकी संख्या बढ़कर 35477 हो गयी है।
सर्व शिक्षा अभियान के तहत हर एक किलोमीटर पर प्राथमिक विद्यालय व तीन किलोमीटर में मध्य विद्यालय खोले गये। प्राथमिक विद्यालय को मध्य विद्यालय में अपग्रेड किया गया।
मध्य विद्यालयों में शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तीन स्नातक प्रशिक्षित शिक्षकों का होना अनिवार्य है। विद्यालयों में पद का सृजन नहीं हुआ है।
नियमावली का ड्राफ्ट फाइनल
प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए नियमावली का प्रस्ताव भी विभाग के स्तर पर तैयार कर लिया गया है।
नियमावली शिक्षा मंत्री को भेजी गयी। विभागीय मंत्री की सहमति के बाद नियमावली विधि, वित्त व कार्मिक विभाग को भेजी जायेगी।
राज्य में पिछली प्राथमिक शिक्षक नियुक्ति नियमावली 2012 में बनायी गयी थी। नयी नियमावली में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए परीक्षा का प्रावधान किया गया है।
शिक्षक पात्रता परीक्षा के सफल अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल होंगे। नियुक्ति परीक्षा झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा ली जायेगी।
सूबे में 30 विद्यार्थी पर एक शिक्षक
प्राथमिक से लेकर प्लस टू उच्च विद्यालय तक राष्ट्रीय औसत की तुलना में झारखंड में प्रति शिक्षक छात्र का अनुपात अधिक है।
राज्य में बढ़ती कक्षा के साथ प्रति शिक्षक विद्यार्थियों की संख्या बढ़ती चली जाती है. झारखंड में कक्षा एक से पांच तक के विद्यार्थियों के लिए 30 विद्यार्थी पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं।
वहीं, कक्षा छह से आठ तक में 22 विद्यार्थी पर एक, कक्षा नौ एवं 10 में 33 विद्यार्थी पर एक और 11वीं व 12वीं की पढ़ाई के लिए 54.5 विद्यार्थी पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर प्राथमिक कक्षा में 26.5 विद्यार्थी पर एक शिक्षक, कक्षा छह से आठ एवं कक्षा नौ व 10 में 18.5,कक्षा 11वीं व 12वीं में 26.1 विद्यार्थी पर एक शिक्षक उपलब्ध हैं।
ऐसे होगा पद सृजन
स्तर स्वीकृत कार्यरत रिक्त आरटीइ जरूरत
इंटर प्रशिक्षित 53352 35517 17835 88309 34957
स्नातक प्रशिक्षित 10782 5889 4893 47736 36954
कुल 64134 41406 22728 136045 71911