रांची: शिक्षा मंत्री जगरनाथ महतो की सख्ती और फटकार के बाद दामोदार वैली कॉर्पोरेशन (डीवीसी) के अधिकारी हरकत में आ गए हैं।
उन्होंने झारखंड सरकार को आश्वासन दिया है कि डीवीसी के कमांड एरिया (लगभग सात जिलों) में शनिवार से कोई बिजली कटौती नहीं की जाएगी।
पूर्वी की तरह 600 मेगावाट बिजली दी जाएगी। अभी लगभग 350 मेगावाट बिजली डीवीसी की तरफ से सप्लाई की जा रही थी। इसके कारण इलाके में 10-12 घंटे तक की लोड शेडिंग की जा रही थी।
शिक्षा मंत्री ने शुक्रवार को डीवीसी चेयरमैन को इस समस्या के समाधान के लिए रांची बुलाया। प्रोजेक्ट भवन में आयोजित बैठक में डीवीसी चेयरमैन के साथ उनका पूरा बोर्ड मौजूद था।
यहां शिक्षा मंत्री ने सख्त लहजे में कहा कि अगर सरकार का बकाया है तो क्या उनके ऊपर देनदारी नहीं है लेकिन सरकार ने कभी उन्हें परेशान किया है।
इसलिए जनता को परेशान नहीं करें। डीवीसी और राज्य सरकार के बीच बकाया भुगतान का मामला सुलझने के कगार पर है। सोमवार को पूरा हिसाब- किताब शुरू हो जाएगा।
दूसरी तरफ बैठक में मौजूद सरकार की तरफ से प्रतिनिधि जगरनाथ महतो ने यह साफ नहीं किया कि सरकार डीवीसी का बकाया कैसे और कब देगी।
उन्होंने बिजली कटौती नहीं करने की बात की। इस दौरान सरकार ने कहा कि डीवीसी पर भी राज्य सरकार का चार सौ करोड़ बकाया है।
ऐसे में समस्या का समाधान होना चाहिए। बैठक में मौजूद विधायक सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि 2016 से डीवीसी और राज्य सरकार का भुगतान का मामला चल रहा है।
2016 में राज्य सरकार ने डीवीसी को जो भुगतान किया था, उसमें 11.5 करोड़ ज्यादा भुगतान हो गया था। डीवीसी से इसे बिल में एडजस्ट करने की बात चल रही है।
डीवीसी का कुल 21 हजार करोड़ रुपये बकाया
डीवीसी का वर्तमान में कुल बकाया 21 हजार करोड़ रुपये है। छह नवंबर से सात जिलों में कटौती की जा रही है। डीवीसी राज्य को हर महीने 170 करोड़ की बिजली आपूर्ति करता है।
ऐसे में हर महीने सौ करोड़ भुगतान होने पर 70 करोड़ बकाया हो जा रहा है। पूर्व से बकाया राशि भी डीवीसी मांग रहा है।
राज्य में पहली बार है जब डीवीसी लगातार तीसरे महीने बिजली कटौती कर रहा है। शुरुआत में कटौती 20 फीसदी कटौती की गयी लेकिन अब यह कटौती 60 से 70 फीसदी हो रही है। डीवीसी राज्य के धनबाद, बोकारो, गिरिडीह, हजारीबाग, रामगढ़, कोडरमा, चतरा में बिजली आपूर्ति करता है।
इस अवसर पर वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव, ऊर्जा विभाग के प्रधान सचिव अविनाश कुमार, जल संसाधन विभाग के सचिव, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष आदि मौजूद थे।