Anjuman Islamia Marriage Rules: सामाजिक दृष्टि से बहुत बड़ी पहल। शादी में फिजूलखर्ची को रोकने के लिए अंजुमन इस्लामिया (Anjuman Islamia) सीठियो ने सराहनीय फैसला किया है। अब 25 से ज्यादा बाराती (Wedding Procession) बारात लेकर गए तो अंजुमन इस शादी समारोह का बहिष्कार करेगा।
सीठियो अंजुमन के अध्यक्ष मो ओबैदुल्लाह की अध्यक्षता में हुई मीटिंग में यह निर्णय लिया गया है। इसमें सीठियो के अलावा 15 अंजुमन के प्रतिनिधि भी शरीक हुए। शादी से पहले लड़का-लड़की के परिजन मंगनी की रस्म अदा करते हैं।
इसमें दोनों परिवार के लोगों का काफी खर्च भी होता है। जबकि, शरियत में मंगनी करने की बात का कहीं पर भी उल्लेख नहीं किया गया है। इसलिए, अंजुमन ने फैसला लिया कि मंगनी की रस्म को खत्म किया जाएगा।
शिक्षा पर किया जाएगा अधिक खर्च
अध्यक्ष ने बताया कि बैठक में इस फैसले का सभी अंजुमन ने सहमति जताई। तय किया गया कि सभी अंजुमन अपने-अपने इलाके में इसे लागू करेंगे। शादी-विवाह को आसान बनाकर उन पैसों को बच्चे-बच्चियों की शिक्षा पर खर्च करेंगे।
सीठियों में इस व्यवस्था को एक साल पहले लागू किया गया है, जिसे सीठियो इलाके के लोग पालन भी कर रहे हैं। बैठक में सिलादोन, अलीपुर, घुटिया, बड़गाईं, इरबा, नगड़ी, कचनारटोली, हेसाग, टुंडुल, कुंदी, नचियातू, मुरही, सिलदा और डजडोल अंजुमन के लोग मौजूद थे।
दहेज पर पाबंदी, निकाह मस्जिद में
सीठियो अंजुमन के साथ विभिन्न इलाकों के लोगों की हुई बैठक में दहेज प्रथा को बंद करने का फैसला लिया गया। तय किया गया कि अगर कोई लड़का शादी में दहेज (Dowry) लेता है तो अंजुमन के लोग उस समारोह में शिरकत नहीं करेंगे।
बैठक में निकाह मस्जिद में करने, मेहर नगद के रूप में अदा करने और वलीमा (रिस्पशन) में कम खर्च करने का भी निर्णय लिया गया।