रांची: झारखंड विधानसभा में सोमवार को कांग्रेस विधायक राजेश कच्छप ने एचईसी द्वारा जमीन बेचे जाने का मामला सदन में उठाया। इसे लेकर पक्ष-विपक्ष दोनेां के सुर एक हो गये।
राजेश ने कहा कि जमीन आदिवासियों से अधिग्रहित की गयी है। अगर उसे उपयोग में नहीं लाया जा रहा है, तो एचईसी को उसे रैयतों को वापस करना चाहिए था।
ऐसा नहीं कर एचईसी जमीन बेच रहा है। राजेश कच्छप ने विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो से आग्रह किया कि इस संबंध में विधानसभा की कमेटी बनायी जाये।
इस दौरान मंत्री जोबा मांझी ने कहा कि मामला मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के संज्ञान में है।
उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन ने कहा है कि यह मामला केवल एचईसी का नहीं है। पूरे राज्य में ऐसे मामले हैं।
सरकार इस पर विचार कर रही है। इस पर नवीन जायसवाल के साथ भानु प्रताप शाही सहित कई विधायक हंगामा करने लगे।
मंत्री ने कहा कि जिस दिन ध्यानाकर्षण में यह मामला आया था, उसी दिन मुख्यमंत्री ने कहा था कि पूरे राज्य में ऐसे कई मामले हैं। इसके बाद भाजपा और कांग्रेस के विधायक वेल में आकर हंगामा करने लगे।
हालांकि इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री अपनी सीट से उठकर राजेश कच्छप के पास आये और उन्हें अपनी सीट पर जाने को कहा। लेकिन वह नहीं गये।
हंगामा होते देख स्पीकर ने सदन की कार्यवाही पौने एक बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
विधायक नवीन जायसवाल ने टाउन प्लानर की नियुक्ति मामला सदन में उठाया।
उन्होंने कहा कि एक तरफ हेमंत सरकार राज्य में 75 फीसदी स्थानीय को रोजगार देने की बात कहती है, तो दूसरी ओर 90 फीसदी से भी ज्यादा नौकरी बाहर के राज्यों के कैंडिडेट को दी जा रही है।
नवीन ने इस मामले को शून्यकाल के दौरान सूचना के तहत लाया।
इसके समर्थन में भाजपा के विधायक वेल में आ गये। विधायकों ने सरकार की तरफ इशारा कर सेम-सेम किया।