रांची: गुरुवार को झारखंड हाई कोर्ट ने सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली (Assistant Professor Appointment) में पारा शिक्षकों (Para Teacher) को 50% आरक्षण दिए जाने को चुनौती देने वाली बहादुर महतो व अन्य की याचिका पर सुनवाई की।
चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्रा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने प्रार्थियों के लिए 100 सीटें खाली रखने का झारखंड स्टाफ सिलेक्शन कमिशन (JSSC) को निर्देश देते हुए संशोधित आदेश पारित किया।
कोर्ट ने नियुक्ति प्रक्रिया पर से लगी रोक भी हटा ली है। इससे पहले महाधिवक्ता राजीव रंजन ने रोक हटाने का आग्रह कोर्ट से किया था।
2022 की नियमावली में 50% आरक्षण की दी गई थी सुविधा
JSSC की ओर से अधिवक्ता संजय पिपरवाल ने कोर्ट को बताया था कि सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2022 में संविदा पर शिक्षा विभाग में कार्यरत कर्मियों को 50% आरक्षण की सुविधा दी गई थी।
बाद में संविदा कर्मियों को आरक्षण समाप्त कर दिया गया और नियमावली को संशोधित किया. राज्य सरकार ने संशोधित सहायक आचार्य नियुक्ति नियमावली 2023 बनाई है, जिसके तहत अब केवल पारा शिक्षकों (Para Teachers) को ही सहायक आचार्य नियुक्ति में 50% आरक्षण देने का प्रावधान है। शिक्षा विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों को भी आरक्षण मिलना चाहिए था।