रांची: Sarhul के मौके पर राजधानी रांची (Ranchi) के करम टोली चौक (Karam Toli Chowk) पर लगाए गए सरना झंडा को हटाकर उसे जलाने और रामनवमी झंडा (Ram Navami Flag) लगाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है।
जानकारी के अनुसार, रांची के प्रमुख पाहन और पुरोहितों ने 7 अप्रैल को मशाल जुलूस और 8 अप्रैल को रांची बंद बुलाया है।
समाज में अशांति फैलाने का प्रयास
नगड़ा टोली सरना भवन (Nagda Toli Sarna Bhawan) में प्रेसवार्ता कर पाहन महासभा के पाहनों ने कहा कि राजधानी के लोअर करमटोली में असामाजिक तत्व व भू-माफिया (Land Mafia) द्वारा सरना झंडे को उखाड़ कर जला दिया गया।
उसके स्थान पर सिर्फ रामनवमी झंडा लगाकर दो समुदायों के बीच धार्मिक उन्माद पैदा करने और अराजकता का माहौल उत्पन्न कर राज्य में अशांति फैलाने का प्रयास किया गया है।
जगदीश पाहन, शिबू पाहन, हलधर चंदन पाहन, सुकरा पाहन और सोमा पाहन ने कहा कि इस प्रकार किसी भी धर्म की अवहेलना, उपेक्षा, अपमान और उनकी धार्मिक भावनाओं को आहत करना एक घिनौना अपराध है।
अब तक प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई
पाहनों ने कहा कि घटना के 10 दिन बीत जाने के बाद भी प्राथमिकी तक दर्ज नहीं की गई।
यह जिला प्रशासन (District Administration) और राज्य सरकार की लापरवाही, बेबसी और लाचारी को दर्शाती है।
कुछ असामाजिक ताकतों के नीचे सरकार और प्रशासन दब चुकी है, लेकिन आदिवासी समाज दबने वाला नहीं है।
इस मौके पर सामाजिक संगठन के अगुआ फूलचंद तिर्की, निरंजना हेरेंज टोप्पो, गीता लकड़ा, अनिल उरांव, बालकु उरांव, अजीत उरांव, रंजीत उरांव, विजय शंकर नायक, संजय तिर्की, भुनेश्वर लोहरा, वीरेंद्र उरांव, विमल लड़का, सुनीता कुजूर सहित कई उपस्थित थे।