रांची: झारखंड कांग्रेस मुख्यालय में प्रदर्शन करने आयी भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं का पार्टी नेताओं ने स्वागत किया।
साथ ही कहा कि देश की प्रजातांत्रिक व्यवस्था में सभी को वैचारिक मतभेद के खिलाफ प्रदर्शन करने का अधिकार है लेकिन मान्य लोकतांत्रिक परंपरा के तहत किसी दूसरे दल के कार्यालय में जाकर प्रदर्शन करने की परंपरा खासकर झारखण्ड में तो नहीं रही है।
रांची स्थित पार्टी मुख्यालय में प्रदर्शन करने आई महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं को प्रदेश कांग्रेस प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे,लाल किशोर नाथ शाहदेव, डा राजेश गुप्ता छोटू और वरिष्ठ नेता मो. सलीम खान, दिनेश लाल सिन्हा ने बिस्किट और चाय देकर स्वागत करने का प्रयास किया।
लेकिन भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताएं लगभग सात मिनट विरोध प्रदर्शन और नारेबाजी कर वापस लौट गई।
कांग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता आलोक कुमार दूबे ने कहा कि भाजपा महिला मोर्चा कार्यकर्ताओं ने दूसरे राजनीतिक दल के कार्यालय में जाकर विरोध प्रदर्शन का दरवाजा खोल दिया है।
इसका खामियाजा आने वाले दिनों में भाजपा को ही भुगतना पड़ेगा।
हरियाणा में महिलाओं द्वारा काली कृषि कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन को लेकर भाजपा महिला मोर्चा का प्रदर्शन इनकी घटिया सोच को दर्शाता है।
उन्होंने कहा कि 110 दिनों से चला आ रहा आंदोलन और 200 से अधिक किसानों की शहादत अगर इन्हें दिखाई नहीं दे रही है तो ईश्वर इन्हें सद्बुद्धि प्रदान करें।
उन्होंने कहा कि देश के किसान आंदोलनरत है और महिलाएं खेतों और खलिहानों को संभाल रही है।
घटिया राजनीति का उदाहरण आज भाजपा महिला मोर्चा की कार्यकर्ताओं ने पेश किया है।
भाजपा के शासनकाल में सबसे अधिक प्रहार महिलाओं पर ही हुआ है।
रसोई महंगी हुई, दुष्कर्म बढ़े, किसानों के आंदोलन में एवं लाक डाउन में किसी का सुहाग, किसी का बेटा, किसी के भाई की शहादत हुई ये भाजपा को दिखाई नहीं देरही है।
प्रवक्ताओं ने कहा कि आज जिस तरह से देश के किसान कृषि कानून के खिलाफ आंदोलनरत हैं।
पेट्रोल डीजल की बढ़ती कीमतों के खिलाफ आम जनता में गहरा आक्रोश है और नौकरी से हाथ धो देने वाले बेरोजगार तथा रोजगार की तलाश जुटे युवा पीढ़ी अब आने वाले समय में राजभवन या विधानसभा अथवा प्रमुख चौक चौराहे की जगह भाजपा मुख्यालय के पास जाकर पुतला दहन व विरोध प्रदर्शन करेंगे।
कांग्रेस में भी महिला मोर्चा, छात्र संगठन के रूप में एनएसयूआई और युवा कांग्रेस व अल्पसंख्यक मोर्चा समेत कई संगठन है।
आने वाले दिनों में यदि इन संगठनों के कार्यकर्ता भी भाजपा कार्यालय या उनके नेताओं के आवास के बाहर प्रदर्शन करते हैं तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं जतानी चाहिए।