रांची: झारखंड पब्लिक सर्विस कमीशन (जेपीएससी) पीटी परीक्षा में धांधली का आरोप लगाते हुए भाजपा के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को राज्यपाल रमेश बैस से मुलाकात की।
मुलाकात के दौरान एक ज्ञापन भी सौंपा जिसके तहत जेपीएससी द्वारा आयोजित सातवीं से दसवीं प्रारंभिक परीक्षा के परिणामों के बाद उजागर भ्रष्टाचार की जांच सीबीआई से कराने एवं आयोग के वर्तमान अध्यक्ष को बर्खास्त करने की मांग किया है।
पीटी परीक्षा में गड़बड़ी स्व संबंधित ज्ञापन के माध्यम से बिंदुवार मांग किया है। इनमें प्रारंभिक परीक्षा में आयोग द्वारा जारी कट ऑफ से कम अंक लाने वाले कई छात्रों को पास कर दिया गया और अधिक अंक लाने वालों को फेल कर दिया गया।
इस प्रारंभिक परीक्षा में यह भी देखा गया कि कई परीक्षा केंद्रों से क्रमवार रोल नम्बर से छात्र पास हुए, जिसमें मुख्यमंत्री और राज्य के वित्त मंत्री के क्षेत्र के परीक्षा केंद्र शामिल थे जहां परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी भी नहीं था एवं न ही प्रशासन द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग की गई।
जब भाजपा के विधायको, कार्यकर्ताओं और अभ्यर्थियों ने इतने बड़े पैमाने पर हुई इन गड़बड़ियों के खिलाफ आवाज उठाई तो राज्य सरकार के इशारे पर उनपर लाठीचार्ज कर मुकदमा भी दर्ज कर दिया गया।
पार्टी द्वारा आंदोलन करने और प्रदेश अध्यक्ष दीपक प्रकाश के द्वारा प्रेसवार्ता कर गड़बड़ियों को जनता के सामने लाने के बाद आयोग ने दबाव में आकर रिजल्ट जारी होने के 40 दिन बाद 49 छात्रों को फेल कर दिया जो नवंबर को पास घोषित किये गये थे।
वह भी इस तर्क पर की इनकी ओएमआर शीट ( आंसर शीट) आयोग के पास है ही नहीं, तब सवाल यह है कि आखिर इतने बच्चों की ओएमआर शीट गयी कहां और किन अधिकारियों के मिलीभगत के कारण इनकी ओएमआर शीट गायब हुई।
आयोग ने खुद अपनी परीक्षा नियमावली का भी पालन नहीं किया है, जिसकी कंडिका 30 में यह साफ है कि प्रारंभिक परीक्षा में भाग लेने वाले सभी छात्रों का ओएमआर आयोग की वेबसाइट पर अपलोड करना है, जो अब तक नहीं किया गया है।
सूचना है कि प्रारंभिक परीक्षा के प्रश्न परीक्षा आयोजित होने के पूर्व ही व्हाट्सएप्प पर वायरल हो गये थे, जिससे इस परीक्षा की पारदर्शिता बिल्कुल समाप्त हो जाती है।
प्रतिनिधिमंडल ने कहा है कि राज्य के होनहार युवक-युवतियां आयोग में व्याप्त भ्रष्टाचार के खिलाफ लगातार सड़कों पर आंदोलन कर रहे हैं।
लेकिन सरकार इन्हें पुलिसिया रौब और मुकदमों के दबाकर इनका भविष्य खराब करना चाहती है। प्रतिनिधिमंडल ने राज्यपाल से अनुरोध किया कि आयोग के अध्यक्ष को बर्खास्त कर पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराने के लिए राज्य सरकार को निर्देशित किया जाए। प्रतिनिधिमंडल में प्रदेश महामंत्री आदित्य साहू, प्रदीप वर्मा, बालमुकुंद सहाय आदि शामिल थे।