रांची : जमीनी सियासी (Grassroots Politics) हालात बता रहे हैं 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव (Lok Sabha and Assembly Elections) में झारखंड में BJP की राह आसान नहीं है। पार्टी के भीतर की गुटबाजी सतह पर आ गई है।
मंगलवार को पोटका में आयोजित बाबूलाल मरांडी की संकल्प यात्रा में पार्टी के दो बड़े चेहरे- पूर्व सीएम अर्जुन मुंडा और रघुवर दास नजर नहीं आए। दोनों नेताओं का गृह क्षेत्र जमशेदपुर ही है।
संकल्प यात्रा में शामिल नहीं हुए रघुवर
बताया गया कि मुंडा दिल्ली में हैंं, इसलिए नहीं आए। रघुवर दास (Raghuvar Das) जमशेदपुर में रहने के बावजूद सभा में शामिल नहीं हुए। इसके बाद जमशेदपुर में संकल्प सभा हुई। वहां भी मुंडा नहीं थे।
काफी मान-मनौवल के बाद रघुवर दास पहुंचे, लेकिन यहां की सभा में दूसरे स्थानों पर हुए कार्यक्रमों की तुलना भीड़ कम नजर आई। मुंडा गुट के कार्यकर्ता नजर नहीं आए। रघुवर गुट के लोग भी तब पहुंचे, जब रघुवर का सभा में पहुंचना कंफर्म हुआ।
निर्विवाद रूप से झारखंड में अर्जुन मुंडा, रघुवर दास और बाबूलाल मरांडी भाजपा का प्रमुख चेहरा हैं। ये तीनों ही भाजपा की ताकत भी हैं, लेकिन पिछले कुछ सालों में इनके संबंधों में इतनी खटास आ चुकी है कि इन्हें साथ करना मुश्किल नजर आ रहा है।
कोल्हान में डैमेज कंट्रोल बहुत मुश्किल
2024 के लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) से पहले एक जूता की स्थिति नहीं दिख रही है। 4 साल में भाजपा कोल्हान प्रमंडल में डैमेज कंट्रोल नहीं कर सकी, न ही गुटबाजी खत्म कर सकी।
बाबूलाल मरांडी के प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद लगा था कि जमशेदपुर में भाजपा की गुटबाजी और अंदरूनी कलह खत्म होगी, लेकिन ऐसा होता दिख नहीं रहा। इसका खामियाजा 2024 के लोकसभा और विधानसभा चुनाव में सामने आ सकता है।