झारखंड

चंदन डैम से गोड्डा को पानी देने के मामले में शपथ पत्र दाखिल करे केंद्र, हाई कोर्ट ने…

रांची : झारखंड हाई कोर्ट (Jharkhand High Court) में बिहार के बांका के चंदन डैम (Chandan Dam) से सिंचाई के लिए झारखंड के गोड्डा को पर्याप्त पानी उपलब्ध कराने को लेकर सांसद निशिकांत दुबे जनहित याचिका की सुनवाई शुक्रवार को हुई। मामले में कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार सप्ताह में शपथ पत्र दाखिल करने का निर्देश दिया है।

मात्र 25 प्रतिशत ही रह गई है पानी को जमा रखने की क्षमता

कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा है कि चंदन डैम में जो सिल्ट (गाद) जमा हो गए हैं, उसे हटाने के लिए बिहार सरकार के साथ संयुक्त अभियान चलाने के संबंध में लिखे गए पत्र पर क्या निर्णय लिया है।

इससे पहले बिहार सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि चंदन डैम से गाद हटाने के संबंध में भारत सरकार के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन चलाया जाना है और इसे लेकर भारत सरकार को वर्ष 2022 में ही बिहार सरकार द्वारा एक पत्र लिखा गया है लेकिन अब तक केंद्र सरकार द्वारा इस पत्र पर कोई जवाब नहीं आया है।

चीफ जस्टिस संजय कुमार मिश्र की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की।

पिछली सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि चंदन डैम में 75 प्रतिशत गाद भर गया है। इसके कारण इस डैम की पानी को जमा रखने की क्षमता मात्र 25 प्रतिशत ही रह गई है।

6 कैनाल सिस्टम है चंदन डैम में

दरअसल, बिहार सरकार ने चंदन डैम (Chandan Dam) से झारखंड को पानी देने में असमर्थता जताई है। झारखंड सरकार का कहना है कि उसे इस डैम से पानी मिलना चाहिए, ताकि गोड्डा में सिंचाई हो सके।

पूर्व की सुनवाई में कोर्ट को बताया गया था कि चंदन डैम में 6 कैनाल सिस्टम है, जिनमें 4 कैनाल सिस्टम झारखंड में आते हैं तथा दो बिहार में आते हैं।

यह स्ट्रक्चर डैमेज हो चुका है जिसका रिपेयर करना जरूरी है, ताकि गोड्डा जिला में सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध हो सके।

याचिकाकर्ता गोड्डा सांसद निशिकांत दुबे (Nishikant Dubey) ने गोड्डा में सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी के लिए चंदन डैम के कैनाल सिस्टम को रिपेयर करने का आग्रह करते हुए 2016 में जनहित याचिका दायर की थी।

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