रांची: रांची सिविल कोर्ट के अधिवक्ताओं ने फिजिकली कोर्ट खोलने की मांग को लेकर बुधवार को कोर्ट के मुख्यद्वार पर प्रदर्शन किया।
इस मौके पर झारखंड राज्य बार काउंसिल के सदस्य सह मीडिया संयोजक संजय कुमार विद्रोही ने कहा कि नौ महीने से ज्यादा समय बीत गया है लेकिन अभी भी फिजिकल कोर्ट नहीं खुले हैं।
इसकी वजह से अधिवक्ताओं की आर्थिक हालत काफी खराब हो गई है।
जिला बार एसोसिएशन के पूर्व महासचिव संजय विद्रोही ने कहा कि वर्चुअल कोर्ट की वजह से झारखंड के सभी व्यवहार न्यायालय के 90 फ़ीसदी अधिवक्ता बेकार हो गए हैं।
कोरोना के समय में सरकार ने लोगों को अनाज और सहायता उपलब्ध कराया। लेकिनअधिवक्ता आज भी इधर-उधर भटक रहे।
अधिवक्ता मकान मालिकों को किराया तक नहीं दे पा रहे हैं।
मौके पर अन्य अधिवक्ताओं ने कहा है कि हमारी वजह से ही डालता और झालसा योजना में अच्छा काम हो पा रहा है।
इस वजह से ही झारखंड नंबर वन पाया है। लेकिन अधिवक्ताओं की सुध लेने वाला कोई नहीं है।